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सिर्फ 1 रुपया जुर्माना या 3 महीने की कैद, नाखून कटवाकर शहीद कहलाएंगे प्रशांत भूषण!

सिर्फ 1 रुपया जुर्माना या 3 महीने की कैद, नाखून कटवाकर शहीद कहलाएंगे प्रशांत भूषण!

अदालत की अवमानना को लेकर सीनियर वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर उन्हें 3 महीने की जेल की सजा भुगतनी होगी। ये मामला वर्तमान और पूर्व चीफ जस्टिस के बारे में भूषण के विवादित ट्वीट का है। 14 अगस्त को कोर्ट ने इन ट्वीट पर प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण को अस्वीकार करते हुए उन्हें अवमानना का दोषी करार दिया था। कोर्ट ने भूषण को बिना शर्त माफी मांगने के लिए समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से मना कर दिया था।

जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली बेंच प्रशांत भूषण के खिलाफ सजा सजा का ऐलान किया। भूषण के लिए सजा का ऐलान करते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा- 'जजों को प्रेस में नहीं जाना चाहिए। अदालत के बाहर जजों द्वारा कही गई बातों पर भरोसा करना स्वीकार्य नहीं है।' अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत सजा के तौर पर अधिक से अधिक 6 महीने तक की कैद या 2000 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।

इससे पहले अदालत ने 25 अगस्त को उनकी सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रशांत भूषण को सजा सुनाने के मुद्दे पर शीर्ष अदालत ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से राय मांगी थी, जिस पर वेणुगोपाल ने कहा था कि प्रशांत भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए और स्टेस्टमैन का संदेश देना चाहिए। कोर्ट ने प्रशांत भूषण को क्षमा याचना के लिए पर्याप्त समय दिया लेकिन प्रशांत भूषण माफी न मांगने पर अड़े रहे। अंत में सोमवार को अदालत शुरू होते ही जस्टिस अरुण मिश्रा ने सजा का ऐलान कर दिया। मात्र एक रुपये का जुर्माना अदालत सिर्फ इसलिए डाला ताकि जनता में यह संदेश जाए कि अदालत किसी से दुर्भावनाग्रस्त नहीं लेकिन यदि कोई सीमा रेखा लांघने की कोशिश करता है तो अदालत एक जैसा ही रवैया अपनाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से पूरे देश की बार में एक ही चर्चा है कि अदालत के सामने माफी न मांगने पर अड़े प्रशांत भूषण क्या एक रुपये का जुर्माना भर कर बाकी सजा से माफी ले लेंगे या फिर जुर्माना न देकर सजा भुगतने का फैसला कर अपने रुख पर अडिग रहेंगे।.