स्विमिंग पूल में लहरे नहीं उठतीं, लेकिन जब लक्ष्य ओलंपिक्स में जगह बनाने का हो, तो लहरों को चीर कर तैरना एक आसान काम लगता है। कुछ ऐसा ही भारतीय तैराक साजन प्रकाश ने किया और टोक्यों ओलंपिक का हिस्सा बनने जा रहे है। साजन प्रकाश की जीवन की मुश्किलें भी लहर बनकर आईं, जिनको पार कर उन्होंने कामयाबी के शिखर को छूआ। जीवन में एक मोड़ ऐसा भी आया जब साजन टूटकर गिरने लगे थे, तब उन्हें सहारा देने का काम उनके कोच प्रदीप कुमार ने किया।
आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के मुकाबला 23 जुलाई से शुरू होने वाला है। 18 खेलों में 125 भारतीय खिलाड़ी दमखम दिखाएंगे। जिनमें स्विमिंग में साजन प्रकाश की निगाहें भी ओलंपिक के मेडल पर रहेगी। अभी तक ओलंपिक में स्विमिंग में मेडल नहीं मिला है। साजन प्रकाश इससे पहले 2016 रियो ओलंपिक में भी उतरे थे और 28वें नंबर पर रहे थे। वे रियो में उतरने वाले एकमात्र भारतीय तैराक थे। यही नहीं, वो एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उतर चुके हैं।
हाल ही में साजन ने ओलंपिक के लिए 200 मीटर बटरफ्लाई इवेंट में 1:56:38 सेकंड के जरिए मायावी 'ए' कोटा हासिल किया। जिसके चलते वो पहले भारतीय तैराक बन गए है। साजन ने रोम, इटली में सेट्टेकोली ट्रॉफी के दौरान 200 मीटर फ्रीस्टाइल इवेंट में नया नेशनल रिकॉर्ड स्तापित कर इतिहास रचा। साजन ने 11 साल पुराना तोड़ दिया और रिकार्ड्स बुक में अपनी जगह बनाई। उन्होंने 2010 के एशियाई गेम्स के कांस पदक विजेता वीरधवल खाड़े का पुराना नेशनल रिकॉर्ड 1:49.86 सेकंड का रिकॉर्ड तोड़ा।