धौला कुँआ से करोलबाग जाने वाली रिज रोड पर एनकाउन्टर के बाद पकड़ा गया आतंकी अबू यूसुफ की मंशा बहुत खतरनाक थी। यूसुफ दिल्ली में एक बार फिर 29 अक्टूबर 2005 और 13 सितंबर 2008 जैसे बम धमाके करना चाहता था। इसलिए उसने करोल बाग में धमाका करने की साजिश रची थी। करोल बाग दिल्ली का व्यापारिक गतिविधियों वाला घना इलाका है। यूसुफ भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कई जगहों पर कुकर बम से धमाके करना चाहता था। उसके खतरनाक मंसूबों की भनक सुरक्षा एजेंसियों को समय रहते मिल गयी और 22 अगस्त की रात छोटी सी मुठभेढ़ के बाद उसे जिंदा गिरफ्तार कर लिया गया।
ऐसा बताया जाता है कि आतंकी अबू यूसुफ का इसका संबंध आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (केपी) से है। इस्लामिक स्टेट (केपी) अफगानिस्तान में सक्रिए है। इस्लामिक स्टेट (केपी) के आतंकियों को पाकिस्तीनी फौज की सरपरस्ती में वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई हथियार, पैसा और ट्रेनिंग देती है। ऐसी भी जानकारी है कि इस्लामिक स्टेट (केपी) ने पहले कश्मीर घाटी और अब दिल्ली सहित भारत के अन्य शहरों में भी आतंकी वारदातों के लिए कुछ स्थानीय लोगों को शामिल किया है। यूसुफ उन्हीं लोगों में से एक है। मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गये आतंकी यूसुफ के दो आईईडी और एक पिस्टल के अलावा 15 किलो विस्फोटक था।
ध्यान रहे, अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद पाकिस्तान ने अनर्गल प्रलाप शुरू किया था। पाक पीएम इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ऐसे बयान दिए थे जिनसे आभास हो रहा था कि आईएसआई भारत में गड़बड़ी कर सकती है। इसी के बाद भारत की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां सक्रिए हो गयीं थीं।.