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खुशखबरी: ‘बच्चों की कोरोना वैक्सीन’, जानें कौन-कौन सी कंपनी ला रही है टीका, कब होगा उपलब्ध?

कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन सबसे कारगर माना जा रहा है। देश में लोगों को तेजी से वैक्सीन लगाया जा रहा है। अब खबर आ रही है कि बच्चों की वैक्सीन जल्द आने वाली है। देश में फिलहाल बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। 18साल से उपर के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है पर बच्चों के लिए अभी कोई भी टीका नहीं है। हालांकि कई कंपनियां बच्चों के लिए कोरोना का टीका बनाने की तैयारी में लगी हैं। क्लीनिकिल ट्रायल लगातार जारी है। कुछ कंपनियों के ट्रायल पूरे भी हो चुके हैं, अब देखना यह है कि देश कों बच्चों के लिए वैक्सीन कब मिलती है।

देश में कई कंपनियां बच्चों की वैक्सीन पर काम कर रही है। कोवैक्सीन के बच्चों पर हो रहे क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा काफी उत्साहित करने वाले हैं।

कोवैक्सीन:  एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन बच्चों पर ट्रायल कर रहा है और सितंबर तक इसके नतीजे आने की उम्मीद है।  कोवैक्सीन की दूसरी खुराक अगले सप्ताह ट्रायल्स में 2से 6साल के बच्चों को दी जा सकती है। दिल्ली एम्स में 6-12साल की उम्र के बच्चों को कोवैक्सीन की दूसरी खुराक पहले ही दी जा चुकी है। जल्द ही इसका डेटा सामने आ जाएगा।

जाइडस कैडिला: जाइडस कैडिला ने 12से 18साल के बच्चों के लिए अपने डीएनए-आधारित कोविड -19टीके ZyCoV-D का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और जल्द ही यह देश मे उपलब्ध हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय  के अंडर सचिव सत्येंद्र सिंह  ने 15जुलाई को एक हलफनामे में कहा, "यह सब्मिट किया गया है कि डीएनए वैक्सीन विकसित करने वाली जाइडस कैडिला ने 12-18साल के बच्चों के लिए अपना क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और भविष्य में 12से 18साल के बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकती है।

फाइजर: डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर भारत  फाइजर-बायोएनटेक के टीके को हरी झंडी दिखा देता है तो वह बच्चों के लिए भी एक ऑपश्न हो सकता है। बता दें कि अमेरिकी  वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना और फाइजर भारत को अपने कोविड 19टीकों की सप्लाई करने से पहले  इंडेम्निटी क्लॉज पर जोर दे रहे हैं।

मॉडर्ना: यूरोप में शुक्रवार को 12से 17साल के बच्चों के लिए मॉडर्ना के कोरोनावायरस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई। यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने मॉडर्ना के ब्रांड नाम का इस्तेमाल करते हुए कहा, "12से 17साल की उम्र के बच्चों में स्पाइकवैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल 18साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की तरह ही होगा।