रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दो ऐसे अल्ट्रामॉडर्न विमान मिलने वाले है, जिसमें सवाल होकर न सिर्फ वो धरती पर पैदा होने वाले खतरे से दूर रहेंगे बल्कि रुसी सैन्य को गाइड भी कर सकेंगे। ये विमान परमाणु युद्ध के दौरान इस्तेमाल किए जाएंगे। ये विमान परमाणु हमले के दौरान रूसी सेना और मिसाइलों का कमांड सेंटर भी होगा। फिलहाल, Zveno-3S परियोजना के तहत काम जारी है। सूत्रों की मानें तो दो नए एयरबॉर्न कमांड एंड कंट्रोल प्लेन में से पहला विमान निर्माणाधीन है। ये पुराने इलुशिन आईएल-80 मैक्सडोम्स की जगह लेगा।
आपको बता दें कि रूस के पास ऐसे चार पुराने विमान हैं, जिनमें से एक को हमेशा उड़ान के लिए मॉस्को में तैयार रखा जाता है। इसे आपातकाल में रूसी राष्ट्रपति की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। अब जिस नए एयरक्राफ्ट को बनाया जा रहा है, उसमें हाईटेक तकनीकियों को शामिल किया जा रहा है। इस विमान को इस डिजाइन से तैयार किया जा रहा है, ताकि परमाणु युद्ध की स्थिति में राष्ट्रपति और अन्य शीर्ष सैन्य, सुरक्षा और मंत्रिस्तरीय अधिकारियों को सुरक्षित बचाया जा सके। यह विमान कई लड़ाकू विमानों के साथ उड़ान भरेगा।
खास बात ये है कि इसमें हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा यानी एरियल रिफ्यूलिंग भी किया जा सकता है। इस एयरक्राफ्ट में अमेरिका के एयरफोर्स वन की तरह कई सुरक्षा फीचर भी लगे होंगे। ये विमान दुश्मन की मिसाइलों को भी चकमा दे सकते हैं। विमान के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए रूसी न्यूजपेपर मोस्कोवस्की कोम्सोमोलेट्स ने बताया कि इस विमान का रेडियो कॉम्प्लेक्स 6,000 किलोमीटर के दायरे में सैनिकों, रणनीतिक बॉम्बर्स, मोबाइल और साइलो लॉन्चर मिसाइल साइट्स और रणनीतिक परमाणु हथियार ले जाने वाली पनडुब्बियों को आसानी से ऑर्डर दे सकता है।
गौरतलब है कि आजोव के सागर रूसी शहर तगानरोग में कुछ महीने पहले एक शर्मनाक सुरक्षा चूक के कारण पुराने चार क्रेमलिन कमांड एयरक्राफ्ट में से एक को कुछ लोगों ने लूट लिया था। इस एयरक्राफ्ट को यहां मरम्मत के लिए लाया गया था। कार्गो हैच खोले जाने के बाद लगभग 39 रेडियो उपकरण चोरी हो गए थे। उपकरण में कीमती धातु सोना और प्लेटिनम था जिसे चोरी के संभावित कारण के रूप में देखा जा रहा है। इनका वजन कई किलोग्राम था। पुलिस ने इस चोरी के आरोप में एक 36 साल के टैक्सी चालक को गिरफ्तार किया था।