भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी मैगजानी ने दावा किया है कि दानिश हत्या तालिबानियों ने पकड़कर मारा है। रिपोर्ट में ये बताया गया है कि पहले दानिश घायल हुए थे फिर तालिहबानी ने उन्हें पकड़ा और बरहमी से मौत के घाट उतारा। मैगजीन में बताया गया है कि दानिश सिद्दीकी ना तो अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर मारे गए, ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए थे। तालिबान ने मामूली रूप से घायल दानिश को एक स्थानीय मस्जिद पर हमला कर पकड़ा था और 'भारतीय' पहचान जानने के बाद क्रूरता से हत्या कर दी ।
वाशिंगटन एक्जामिनर रिपोर्ट के अनुसार, सिद्दीकी अफगान नेशनल आर्मी टीम के साथ स्पिन बोल्डक इलाके में गए थे। यह इलाका पाकिस्तान से लगता हुआ है। जब वह कस्टम पोस्ट से कुछ दूरी पर थे तभी तालिबान ने टीम पर हमला कर दिया। इसमें कमांडर और कुछ जवान सिद्दीकी से अलग हो गए और उनके साथ तीन लोग ही बचे।
हमले के दौरान सिद्दीकी को गोलियों के छर्रे लगे। इसलिए वह और उनकी टीम प्राथमिक उपचार के लिए एक स्थानीय मस्जिद में गए। हालांकि जैसे ही यह बात फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है, तालिबान ने हमला कर दिया। स्थानीय जांच में पता चला कि तालिबान ने मस्जिद पर केवल इसलिए हमला किया क्योंकि वहां सिद्दीकी मौजूद थे।
जब तालिबानी आतंकियों ने उन्हें पकड़ा वो जिंदा थे। फिर तालिबानियों ने उनसे पहचान पूछा और फिर मार डाला। हालांकि तालिबान ने कई बार दानिश सिद्दीकी की हत्या करने से इनकार किया है। तालिबान दानिश की हत्या के बाद कहा था कि उन्होंने युद्धक्षेत्र में आने से पहले हमसे इजाजत नहीं ली थी। वो अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार हैं।