जापान की सरकार ने भारत को कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता के लिए जेपीवाई 50 बिलियन (लगभग 3,500 करोड़ रुपये) की राशि का आधिकारिक विकास सहायता ऋण दिया है। भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सी.एस. महापात्रा और भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सातोशी के बीच कोविड-19 संकट से निपटने के लिए भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र कार्यक्रम ऋण के लिए नोटों का आदान-प्रदान किया गया।
नोटों के आदान-प्रदान के बाद भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सी.एस. महापात्रा और जीका (जेआईसीए), नई दिल्ली के प्रमुख प्रतिनिधि काट्सुओ मात्सुमोतो ने इस कार्यक्रम के लिए ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस कार्यक्रम ऋण का उद्देश्य कोविड-19 से निपटने में भारत के प्रयासों का समर्थन करना और भविष्य में आने वाली महामारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करना और संक्रामक रोगों के खिलाफ भारत की स्वास्थ्य प्रणालियों के लचीलापन में भी सुधार करना है।
इसके अलावा,आज भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव डॉ. सी.एस. महापात्रा और भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सातोशी के बीच जेपीवाई 1 बिलियन (लगभग 70 करोड़ रुपये) की अनुदान राशि के लिए भी नोटो का आदान-प्रदान किया गया।
जापान सरकार का यह सहायक अनुदान भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रणाली को मजबूत करने के लिए चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए है। इससे कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित गंभीर और अति गंभीर रोगियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा।
भारत और जापान का वर्ष 1958 से ही द्विपक्षीय विकास सहयोग का लंबा और फलदायी इतिहास रहा है। पिछले कुछ वर्षों में,भारत और जापान के बीच आर्थिक सहयोग रणनीतिक साझेदारी में मजबूत और विकसित हुआ है। यह भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करता है।.