अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राम मंदिर निर्माण के लिए नक्शे को बुधवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से पास कर दिया। इस संबंध में बोर्ड की बैठक प्राधिकरण सभाकक्ष कमिश्नर एम.पी. अग्रवाल की अध्यक्षता में की गई, जिसमें श्रीराम मंदिर निर्माण के मानचित्र को प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी मिल गई।
कमिश्नर एमपी अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ला, बोर्ड के सदस्य डीएम अनुज झा और बोर्ड के अन्य मेंबर बैठक में मौजूद रहे। अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एमपी अग्रवाल ने बोर्ड मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो तरह के नक्शे प्रस्तुत किए।
पहला नक्शा लेआउट का था जो 2 लाख 74 हजार 110 वर्ग मीटर था। दूसरा श्रीराम मंदिर का नक्शा था, जिसका कुल कवर्ड एरिया 12,879 वर्ग मीटर है। दोनों नक्शों को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इनका कुल शुल्क जोड़ने के बाद दोनों नक्शे ट्रस्ट को सौंप दिए जाएंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2 लाख 74 हजार 110 वर्ग मीटर का मानचित्र दाखिल किया है। इसमें ओपन एरिया 2,74,110 वर्ग मीटर और कवर्ड एरिया 12,879 वर्ग मीटर है। ट्रस्ट को विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी देना होगा। ट्रस्ट को 2 करोड़ 11 लाख रुपए प्रधिकरण को देना है। इसके अलावा 15 लाख रुपए लेबर डिपार्टमेंट को देना है।
ट्रस्ट की तरफ से जमा की जाने वाली यह शुल्क आयकर छूट के बाद की है। बोर्ड से मानचित्र की मंजूरी के बाद प्राधिकरण शुल्क जमा करने के लिए ट्रस्ट को पत्र जारी करेगा। ट्रस्ट उसी के बाद धनराशि जमा करेगा। धनराशि जमा होने के बाद ही प्राधिकरण नक्शा ट्रस्ट को सौंपेगा।
लगभग 67 एकड़ भूमि का लेआउट समेत मानचित्र मंजूरी के लिए ट्रस्ट ने प्राधिकरण को सौंपा है, जिसमें करीब पांच एकड़ में राम मंदिर का निर्माण है। बाकी भूमि के लेआउट को इसलिए शामिल किया गया है, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के निर्माण में अड़चन न हो।.