भारत और रुस पुराने दोस्त देश है। दोनों देशों के बीच संबंध काफी दिनों से अच्छे रहे हैं। इधर कुछ सालों में दुश्मन देशों को लहने लगा था कि भारत और रुस के बीच संबंध कुछ ठीक नहीं हैं लेकिन दोनों देशों की सैनिक इंद्र-2021 संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही है और दिखा दिया की अभी संबंध गहरे हैं। रूस के वोल्गोग्राड में जारी इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के सैनिक एक साथ युद्ध की बारीकियां सीख रहे हैं।
इस अभ्यास में टैंक, हेलिकॉप्टर, लड़ाकू विमान और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनों देशों के बीच इस संयुक्त युद्धाभ्यास से चीन और पाकिस्तान बेचैन हुए हैं। इस युद्धाभ्यास की खास बात यह है कि आतंकवादी हमलों को नाकाम करने और जवाबी कार्रवाई करने की ट्रेनिंग भी हो रही है। बता दें कि भारत और रूस दोनों ही लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं। रूस में एक तरफ जहां चेचेन्या के उग्रवादियों ने पिछले दशक तक जमकर कोहराम मचाया था, वहीं भारत को अब भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार है।
पिछले कई वर्षों से भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर सवाल उठते रहे हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के कारण रूस के साथ भारत की करीबी साझेदारी एवं विशेष रिश्ते कमजोर हो रहे हैं। रूस की सरकारी थिंक टैंक रशियन इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल के एक कार्यक्रम में लावरोव ने आरोप लगाया था कि अमेरिका के कारण भारत हमसे दूर होता जा रहा है। रूस के इस बयान का असर पाकिस्तान और चीन पर जरूर पड़ा होगा। दोनों देश रूसी विदेश मंत्री के बयान के बाद जरूर खुश हुए होंगे। दोनों देशों के ताजा सैन्य अभ्यास से चीन और पाकिस्तान मायूस हुए होंगे।
आपको बता दे कि दोनों देशों के बीच दो हफ्ते तक चलने वाले इस सैन्य अभ्यास में दोनों सेना के 250-250 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं लगभग 100 तरह के अलग-अलग सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल करेंगी। जिसमें रॉकेट लॉन्चर और मानव रहित हवाई वाहनों (ड्रोन) का इस्तेमाल किया जा रहा है।