आज हरियाली तीज है। सावन महीने में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार में हरियाली तीज शामिल है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए भी यह व्रत करती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती और महादेव का मिलन हुआ था। माता पार्वती ने शिव को विवाह के लिए तैयार करने के लिए कठोर तप किया था। उनके तप से प्रसन्न होकर शिव जी ने कहा था कि इस दिन जो भी स्त्री पूरी निष्ठा से मेरा व्रत और पूजन करेगी। उसकी हर मनोकामना पूरी होगी।
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि 10 अगस्त 2021 को शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू हुआ आज शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। पूजा का पहला मुहूर्त सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक और दूसरा दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सुबह 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर रात तक रहेगा।
हरियाली तीज 2021 पर बन रहा है शिव योग
आज हरियाली तीज व्रत के दिन शिव योग बन रहा है। ऐसे अवसर पर ऐसा संयोग बनना बहुत ही अनूठा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शिव योग को प्रमुख 27 योगों में सबसे प्रमुख और कल्याणकारी योग माना गया है। इस योग में शिव की पूजा करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा शिव योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा दांपत्य जीवन को खुशियों से भर देता है। सभी मनोकामनाएं पूरी कर देता है. संतान सुख में वृद्धि करता है। घर परिवार धन-धान्य से भर जाता है। हरियाली तीज व्रत के अवसर पर ऐसा संयोग लंबे समय के बाद बन रहा है।
हरियाली तीज पूजा विधि
आज के दिन सभी सुहागन स्त्रियां स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहनती हैं। आज के दिन सबसे पहले पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री,साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंधक आदि अर्पित करें। अब शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंधक, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। इसके बाद अब गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
व्रत न रख पाने की स्थिति में अपनाएं ये उपाय
इस व्रत की खास बात ये है कि एक बार यह व्रत करना शुरू कर दिया तो इसे हर साल करना पड़ता है। इस व्रत को बीच में छोड़ा नहीं जाता। कई बार स्वास्थ्य समस्या, प्रेग्नेंसी, यात्रा या पूजा-पाठ के कारण महिला व्रत नहीं रख पाती है। ऐसे में व्रत छूटने की समस्या से बचने के लिए पुराणों में एक उपाय बताया गया है। इसके मुताबिक ऐसी विषम परिस्थितियों में घर में कोई और महिला उसके बदले ये व्रत रख सकती है। अगर ऐसा भी संभव नहीं है तो पति भी अपनी पत्नी के बदले ये व्रत कर सकते हैं। इससे व्रत का फल बना रहता है और व्रत भी नहीं छूटता।