तालिबान का काल दोस्तम लौट आया है। दोस्तम ने अफगानिस्तान ने तालिबान के खात्मे की कसम खाई है। दोस्तम स्पेशल फ्लाइट्स मजार-ए-शरीफ पहुंच गए हैं। दोस्त जंगजुओं ने मोर्चाबंदी कर ली है।
इसीबाच अफगानिस्तान के रा्ष्ट्रपति अशरफ गनी भी मजार-ए-शरीफ पहुंचकर सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया है। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति रह चुके अब्दुल रशीद दोस्तम ने कहा कि देश के उत्तरी हिस्सों से तालिबान का सफाया कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तालिबान के पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। दोस्तम की मिलिशिया अफगान सेना के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ रही है। इससे पहले भी 1990 और 2001 के दौरान अब्दुल रशीद दोस्तम ने बल्ख प्रांत से तालिबान का सफाया कर दिया था।
मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम मंगलवार रात को एक विशेष विमान से मजार-ए-शरीफ पहुंचे हैं। उनके साथ फ्लाइट में निजी अंगरक्षकों की टीम के अलावा सैकड़ों की संख्या में मिलिशिया भी मौजूद थे। मजार-ए-शरीफ पहुंचते ही दोस्तम की मिलिशिया ने सेना के साथ शहर के कई इलाकों में मजबूत मोर्चाबंदी कर दी है।
अफगान राष्ट्रपति गनी के सुरक्षा और राजनीतिक मामलों के सलाहकार मोहम्मद मोहकक और मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर जुमा खान हमदर्द भी इस दौरे पर साथ में हैं। इस दौरान राष्ट्रपति गनी ने मार्शल दोस्तम, पूर्व बल्ख गवर्नर अत्ता मोहम्मद नूर और प्रांत के सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में सुरक्षा बैठक की। इस हाई प्रोफाइल बैठक के दौरान रक्षा करने वाले लड़ाके और सेना के बीच तालमेल को बेहतर बनाने, मिलिशिया फोर्स में और अधिक लोगों की भर्ती करने और तालिबान के हाथों में पड़ने वाले शहरों पर दोबारा कब्जे की तैयारी पर चर्चा हुई।
अब तक निमरोज की राजधानी जरांज, समांगन की राजधानी अयबक, तखर की राजधानी तालोकान, जवज्जान की राजधानी शेबरघन और सर-ए-पुल प्रांत की राजधानी सर-ए-पुल अब तक तालिबान के कब्जे में है।