अफगानिस्तान में अशरफ गनी सरकार को तालिबान के हाथों गिराने पर तुले पाकिस्तान के पास न खुद खाने को पैसे हैं और अपनी जनता को खिलाने के लिए हैं। पाकिस्तान के पास इतने भी पैसे नहीं है कि वो अपने हथियारों की मरम्मत करवा सके। फिर भी आतंकियों को पाल कर दुनिया को ब्लैकमेल करने से बाज नहीं आता। भारत को तो वो एटम बम की धमकी देता रहता है। भारत ने निर्भय मिसाइल का टेस्ट फायर किया तो जवाब में पाकिस्तान ने गजनवी का टेस्ट किया है। कहा जा रहा है कि गजनवी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। हालांकि पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि वो अपनी नौ सेना पनडुब्बियों की मरम्मत नहीं करवा पा रहा है।
पाकिस्तान की पांच में तीन अगोस्ता क्लॉस की सबमरीन को या तो अपग्रेड किया जा रहा है या फिर उसमें तकनीकी दिक्कते हैं। इस वजह से ये सबमरीन अभी समुद्र में नहीं उतर सकती हैं। अगले साल के मध्य तक पाकिस्तान के पास केवल दो ही पनडुब्बियां बची हैं। पाकिस्तान की अगोस्ता 70 क्लास की सबमरीन पीएनएस हुरमत के इंजन में दिक्कत है और उसके इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर सपोर्ट सिस्टम में भी समस्या है। इसकी वजह से यह पनडुब्बी अब काम करने की स्थिति में नहीं है।
पाकिस्तान की एक अन्य पनडुब्बी अगोस्ता 90 बी क्लास पीएनएस साद ड्राइ डॉक पर है और अप्रैल से उसे रीफिट किया जा रहा है और उसे सही होने में अभी तीन साल लगेगा। तुर्की की एक कंपनी एसटीएम इस सबमरीन के मरम्मत का काम कर रही है। इस सबमरीन को सी हैक टॉरपीडो और बाबर 3 क्रूज मिसाइल दागने के लिए तैयार किया जा रहा है। तुर्की की यही कंपनी पीएनएस खालिद की भी मरम्मत कर रही है जो अगोस्ता 90बी क्लास की पनडुब्बी है।
पाकिस्तान के आयरन ब्रदर चीन ने अभी तक पाकिस्तान को आठवीं पनडुब्बी नहीं दी है। इसकी वजह से अभी कुछ समय तक पाकिस्तान के पास केवल दो पनडुब्बी पीएनएस हश्मत और पीएनएस हमजा ही सक्रिए रहेगी। पाकिस्तान की पनडुब्बियां ही नहीं युद्धपोत भी संकट झेल रहे हैं। पाकिस्तानी युद्धपोत पीएनएस खैबर एक गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रायर है और उसमें बहुत ज्यादा आवाज हो रही है।
पाकिस्तान के पास चीन के बनाए दो अन्य युद्धपोतों पीएनएस सैफ और पीएनएस जुल्फिकार में एयर डिफेंस क्षमता बहुत सीमित है। पीएनएस जुर्रत के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम में दिक्कत है। वहीं भारत की बात करें तो अभी हमारी स्थिति काफी अच्छी है और तीन नई स्कॉर्पियन सबमरीन शामिल हुई हैं। इसके बाद तीन अन्य सबमरीन आने वाली हैं। इसके अलावा भारत के पास परमाणु पनडुब्बियों का बेड़ा भी है।