अफगानिस्तान को फिर से तालिबानियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। हमेशा युद्ध झेलता इस देश के नागरिक काफी गरीब हैं। लोगों की हालात अच्छे नहीं हैं, गरीबी चरम पर है। हालांकि अफगानिस्तान के पास एक ऐसा खजाना है जिससे वो एशिया का सबसे अमीर देश बन सकता है। भारत चीनऔर कई देशों को पीछे छोड़ सकता है। यही वजह है कि तालिबान भी इस देश को नहीं छोड़ना चाहता है और अमेरिका, रूस जैसे देश भी बार-बार यहां चले आते हैं।
दरअसल अफगानिस्तान में 3 ट्रिलियन डॉलर की कीमत का वो खजाना खनिज संसाधन मौजूद है। अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे की तरफ से साल 2010 में यहां पर एक सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में वैज्ञानिकों को अफगानिस्तान में करीब 3 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के खनिज के भंडारों का पता लगा था। साल 2020 में अहमद शाह कतवाजाई की तरफ से एक आर्टिकल पब्लिश हुआ था।
अफगानिस्तान की एकेडमी ऑफ साइंसेज के मेंबर और अमेरिका में अफगानिस्तान के पूर्व राजनयिक कतवाजाई ने कहा था कि उनके देश में मौजूद खनिज की कुल कीमत 3 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गई है। वैज्ञानिकों की मानें तो अफगानिस्तान में लोहे, तांबे, कोबाल्ट, सोने और लीथियम के बड़े भंडार मौजूद हैं। अमेरिका के रक्षा विभाग के हेडक्वार्टर पेंटागन की तरफ से कहा गया था कि अगर अफगानिस्तान के खनिज भंडारों का प्रयोग किया जाए तो यह सऊदी अरब की बराबरी कर सकता है।
अफगानिस्तान में 1,400 से अधिक खनिज क्षेत्र हैं जिनमें खनिजों जैसे बाराइट, क्रोमाइट, कोयला, तांबा, सोना, लौह अयस्क, सीसा, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर, नमक, सल्फर, तालक और जस्ता पाये जाते हैं। हालांकि, 3 ट्रिलियन डॉलर की कीमत वाले संसाधन होने के बाद भी इस देश की सरकार को खनन से मिलने वाले राजस्व में हर साल लगभग 300 मिलियन डॉलर का नुकसान होता है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अफगानिस्तान के दुर्लभ खनिज संसाधन पृथ्वी पर सबसे बड़े हैं।
आपको बता दें कि दुर्लभ खनिज इस समय टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी जरूरत हैं। इनकी मदद से ही मोबाइल फोन, टीवी, हाइब्रिड इंजन, कंप्यूटर, लेजर और बैटरी तैयार कर जाती हैं। सबसे बड़े खनिज भंडार लोहे और तांबे के हैं और इनकी मात्रा काफी ज्यादा है। ये इतनी मात्रा में हैं अफगानिस्तान इन खनिजों में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन सकता है। पेंटागन के अधिकारियों के मुताबिक गजनी प्रांत के बोलीविया में के बड़े पैमाने पर लिथियम जमा करने की क्षमता है। ये अब दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार है।