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बातचीत के दरवाजे खुले, लेकिन चीन की गुस्ताखी से निपटने को तैयार इंडियन आर्मी- नरवणे

बातचीत के दरवाजे खुले, लेकिन चीन की गुस्ताखी से निपटने को तैयार इंडियन आर्मी- नरवणे

इंडियन आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने कहा है कि ब्रिगेडियर लेवल की वार्ता चीन से भले ही नाकाम रही है लेकिन अभी बात-चीत के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। जनरल नरवणे ने कहा कि एलएसी पर चीन अगर किसी तरह का दुस्साहस करने की सोचेगा तो उसे दुस्साहस करने से पहले ही इंडियन आर्मी छठी का दूध याद दिला देगी। जनरल नरवणे ने कहा है कि भारत ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर एहतियातन फौजों की पर्याप्त तैनाती कर दी है। हमारी सेना का हौसला सातवें आसमान पर है और वो किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है।

आर्मी चीफ ने शुक्रवार को लेह पहुंचकर कई जगहों का दौरा किया। उन्होंने सेना के सीनियर अफसरों और जेसीओज से भी बात की। उन्होंने कहा, 'एलएसी पर हालात थोड़ा तनावपूर्ण हैं। इन हालात के मद्देनजर हमने अपनी सुरक्षा के लिए एहतियातन तैनाती कर रखी है ताकि हमारी सुरक्षा और अखंडता पर कोई आंच नहीं आए।'

नरवणे ने दोबारा जोर देकर कहा कि एलएसी पर तैनात फौजी जवानों का मनोबल बेहद ऊंचा है। उन्होंने कहा, 'वो बहुत प्रेरित हैं। उनका मनोबल ऊंचा है और सामने पैदा होने वाली सभी तरह की परिस्थितियों से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारी और जवान दुनिया में सबसे शानदार हैं और वो न केवल आर्मी बल्कि राष्ट्र को गौरवान्वित करेंगे।'

पूर्वी लद्दाख में चुशूल सेक्टर के सामने चीन की बढ़ती सैन्य तैनातियों के मद्देनजर भारत ने भी भारी संख्या में अपने फौजी अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर दिए हैं ताकि भविष्य में चीनी सेना के किसी भी दुस्साहसिक प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। इलाके में दोनों देशों ने एक-दूसरे के आमने-सामने भारी संख्या में फौजियों, टैंकों, हथियारयुक्त वाहनों और हॉवित्जर तोपों में तैनात कर रखा है।

लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चरम पर पहुंचे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बुधवार को हशिमारा समेत पूरे ईस्टर्न सेक्टर में अग्रणी मोर्चों पर बने सैन्य हवाई अड्डों का निरीक्षण किया।.