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पुरानी औकात में तालिबान, अब्दुल मजारी की मूर्ति को बम से उड़ाया, सलीमा मजारी को किया गिरफ्तार

तालिबान ने अब्दुल मजारी की मूर्ति को बम से उड़ाया

सत्रह अगस्त 2021 की शाम को मॉडरेट दिखने वाला तालिबान रात होते-होते अपनी असली औकात पर उतर आया है। महिलाओं के सम्मान की बात करने वाले तालिबान चाहरीकिंत जिले की गवर्नर सलीमा मजारी को हिरासत में ले लिया है। सलीमा किस हाल में है अब किसी को कुछ नहीं मालूम है। हजार ग्रुप के एक ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी गई है।

ध्यान रहे, तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने 17 अगस्त की शाम एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि तालिबान ने सभी अफगानियों को आम माफी दे दी है। तालीबान इसी प्रेस कान्फ्रेंस के बाद सलीमा मजारी को पकड़ कर ले गए। इसके अलावा तालिबान ने रात के अंधेरे में हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति को भी बम धमाके से उड़ा दिया है।

ये उन्हीं हजारा नेता अब्दुल मजारी ही मूर्ति थी जिनको 1995 में तालिबान ने कत्ल कर दिया था। अब्दुल मजारी की मूर्ति उसी बामियान इलाके में थी, जहां तालिबान बुद्ध की मूर्तियों को तोप के गोले दाग कर तोड़ा था। अब्दुल अली मजारी हजारा समुदाय के नेता थे। तालिबान ने उनका अपहरण कर हत्या कर दी थी और 1995 में उनके शव को गजनी में हेलीकॉप्टर से नीचे फेंक दिया था।

तालिबान हजारा समुदाय के खिलाफ रहता है क्योंकि इसमें ज्यादातर शिया मुसलमान हैं जबकि तालिबान सुन्नी मुस्लिमों का समूह है। यह संगठन अफगानिस्तान में शिया अल्पसंख्यकों पर अक्सर हमला करता रहता है।