तालिबान के काबुल घुसते ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे। वो अपने साथ पैसे और जेवर का खजाना लेकर यूएई चले गए। अब गनी दुनिया के सामने आए हैं और अबने काबुल छोड़ने की वजह बताई है। अपना एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं आता तो कत्लेआम हो जाता, खून-खराबा होता। मैं देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा। आगे कहा गया है कि उनके पैसे लेकर अफगानिस्तान छोड़ने की बात पूरी तरह से अफवाह है.
अशरफ गनी ने कहा कि मैं देश के पैसे लेकर नहीं लाया हूं। मैं शांति से सत्ता सौंपना चाहता था। अफगानिस्तान छोड़कर मैंने अपने मुल्क के लोगों को खूनी जंग से बचाया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से दूर हूं। सुरक्षा अधिकारियों की सलाह के बाद ही मैंने यह कदम उठाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयानों पर गनी ने कहा कि हम तालिबान से बातचीत कर रहे थे, लेकिन यह बेनतीजा रही। उन्होंने सेना और अधिकारियों को धन्यवाद भी किया। बता दें कि अशरफ गनी 15 अगस्त को अफगानिस्तान से भाग गए थे।
अशरफ गनी ने आगे कहा, 'भगोड़ा कहने वालों को मेरे बारे में जानकारी नहीं है, जो मुझे नहीं जानते वे फैसला ना सुनाएं.' बता दें कि अशरफ गनी पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से भागने के आरोप लग रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि वह बहुत सारा पैसा लेकर काबुल से निकले हैं.
अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अशरफ गनी अपने परिवार के साथ यूएई में हैं। यूएई के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ही बयान जारी कर यह बात बताई थी. बयान में कहा गया कि यूएई ने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का अपने देश में स्वागक किया है। तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे। यूएई की सरकारी समाचार समिति ने बुधवार को अपनी एक खबर में यह जानकारी दी।