अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान बेशक महिलाओं को अधिकार देने का दावा कर रहा हो, लेकिन असलियत कुछ और ही हैं। तालिबानियों ने सरकारी टीवी चैनल की एंकर खादिजा अमीन को हटाकर उनकी जगह पर एक पुरुष तालिबानी एंकर को बिठा दिया है।
एंकर खादिजा अमीन ने कहा- 'मैं एक पत्रकार हूं और मुझे काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अब मैं आगे क्या करूंगी। अगली पीढ़ी के लिए कुछ भी नहीं है। हमने पिछले 20 साल में जो कुछ भी हासिल किया है, वह सब खत्म हो गया। तालिबान तालिबान हैं, उनके अंदर कोई बदलाव नहीं आया है।'
ये न सिर्फ खादिजा अमीन के साथ हुआ है बल्कि एंकर शबनम दावरान को भी ऐसे ही परेशानी से गुजरना पड़ रहा हैं। एंकर शबनम दावरान शबनम ने बताया कि हिजाब पहनने और आईडी कार्ड लाने के बाद भी उन्हें ऑफिस में घुसने नहीं दिया गया और कहा गया कि अब तालिबान राज आ गया है और उन्हें घर जाना होगा।
17 अगस्त को सुबह प्राइवेट टीवी चैनल टोलो की महिला एंकर बेहेश्टा अर्घंद ने तालिबान के मीडिया विंग से जुड़े मावलावी अब्दुलहक हेमाद का इंटरव्यू लिया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने तालिबानी अधिकारी से घर-घर की जा रही तलाशी के बारे में सवाल पूछे थे। इस दौरान मावलावी ने कहा कि अब पूरी दुनिया तालिबान को मानती है कि वे देश के असली शासक हैं। मुझे अभी भी आश्चर्य है कि लोग अभी तालिबान से डरे हुए हैं। इस पूरे इंटरव्यू ने जमकर सुर्खियां बटोरी। इसके बाद तालिबान अपनी असली औकात पर आ गया।