देश में अभी भी बिजली की चोरी एक बड़ी समस्या है। लोग अभी भी बिजली की चोरी करते हैं जिससे की पावर मिनिस्ट्री को घाटा सहना पड़ता है। अब इसके समाधान के लिए मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। अब हर घर में स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। पावर मिनिस्ट्री की तरफ से जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है उसके मुताबिक, एग्रीकल्चर के अलावा हर जगह प्री पेमेंट मोड में स्मार्ट मीटर काम करेगा।
जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दिसंबर 2023 तक सभी ब्लॉक लेवल सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगा दिया जाएगा। इस नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कमिशन इस डेडलाइन को दो बार, अधिकतम छह महीने के लिए बढ़ा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें उचित कारण भी बताने होंगे। पूरे देश में मार्च 2025 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लग जाएंगे।
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, जिस भी यूनिट में अर्बन कंज्यूमर 50 फीसदी से ज्यादा होंगे और AT&C नुकसान 15 फीसदी से ज्यादा होगा, वहां 2023 तक स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अन्य जगहों पर यह 2025 तक लगा दिया जाएगा। मंत्रालय ने बुधवार को बयान में कहा कि इस रिपोर्ट में 2018-19 में 50,000 करोड़ रुपए का नुकसान दिखाया गया है। वहीं 2019-20 में नुकसान के बढ़कर 60,000 करोड़ रुपए पर पहुंचने का उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में इसी आधार पर 2020-21 में डिस्कॉम के कुल घाटे को 90,000 करोड़ रुपए बताया गया है। मंत्रालय ने कहा कि नुकसान के बढ़कर उच्चस्तर पर पहुंचने की अटकलों के पीछे एक वजह 2020-21 में कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते बिजली की बिक्री में गिरावट को बताया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि ICRA के इसी तरह के त्रुटिपूर्ण अनुमान की वजह से नुकसान के आंकड़े को 90,000 करोड़ रुपए पर पहुंचा दिया गया है, जो काफी बढ़ाकर दिखाया गया लगता है। इसके अलावा ICRA ने कहा कि रिपोर्ट में 2020- 21 के लिए अनुमान लगाया गया है कि डिस्कॉम के लिए राजस्व अंतर बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए हो जाएगा।