आज देशभर में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। ये भाई बहन के रिश्ते का त्योहार है। हर साल सावन मास की पूर्णिमा को राखी का त्योहार मनाया जाता है। आज के दिन बहन अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी सुखी जीवन और लंबी उम्र की कामना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार राखी के दिन कई सारे शुभ संयोग बन रहे हैं।
ज्योतिषियों के मुताबिक, आज सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 03 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांधी जा सकेगी। रक्षा बंधन पर भद्रा के साए में राखी नहीं बांधी जाती है जो कि इस बार नहीं है। लेकिन इस बीच आपको एक विशेष अवधि में राखी बांधने से बचना होगा। ज्योतिषविद कहते हैं कि रक्षा बंधन के दिन सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग बना रहेगा। मांगलिक और शुभ कार्यों को संपन्न करने के लिए शोभन योग को श्रेष्ठ माना जाता है। इस दौरान भाई की कलाई पर रक्षा सूत्रा बांधना बेहद शुभ माना जाता है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, भद्रा के साय में भी भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए. कहते हैं कि भद्रा काल में राखी ना बांधने की वजह लंकापति रावण जुड़ी है। सुबह के समय में मांतग और सर्वार्थ सिद्धी योग बन रहा है। सुबह 10:34 पर शोभ योग है और शाम में 07: 40 मिनट पर धनिष्ठा नक्षत्र योग है। राखी के दिन राहुकाल और भद्रा काल में राखी नहीं बांधना चाहिए। इस दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है।
पंचांग के अनुसार, शाम 05 बजकर 05 मिनट से शाम 06 बजकर 39 मिनट तक राहुकाल चलेगा। मान्यता है कि राहुकाल के दिन में कोई भी सफल कार्य नहीं होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग में रावण ने अपनी बहन से राहुकाल में राखी बंधवाई थी। इसके बाद से उसका पतन होना शुरू हो गया था। पंचांग के अनुसार भाद्र और राहु दोनों ही अशुभ माने जाते हैं।