सातवें वेतन आयोग को लेकर मोदी सरकार पहले ही अपनी तरफ से ऐलान कर चुकी हैं। महंगाई भत्ता बढ़ाने के बाद अब कई राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों का डीए बढ़ा रही हैं। इस कड़ी में गुजरात सरकार ने सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टर्स और गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स को सातवें वेतन आयोग के तहत नॉन-प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) को मंजूरी दे दी है।
गुजरात के उप-मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इसे डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेज टीचर्स के लिए रक्षाबंधन का तोहफा बताया हैं। आपको बता दें कि टीचर्स और डॉक्टर्स लंबे समय से इसको लेकर मांग कर रही थे। सरकार पर दवाब बनाने के लिए डॉक्टर्स और टीचर्स ने हड़ताल भी की।
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जिसके बाद रक्षाबंधन के मौके पर नितिन पटेल के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया और लिखा- 'उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने सरकारी अस्पतालों के पात्र सेवारत डॉक्टरों और जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को रक्षाबंधन उपहार के रूप में सातवें वेतन आयोग के अनुसार नॉन-प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) को मंजूरी दी है।' गुजरात सरकार के इस फैसले का स्वागत जीएमटीए के अध्यक्ष डॉ रजनीश पटेल ने किया। उन्होंने कहा कि ये एक स्वागत योग्य कदम है कि सरकार ने जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों और सेवारत डॉक्टरों की लंबित मांगों को स्वीकार कर लिया है।