कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती हैं। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था। कृष्ण की छवि जब भी मन में सोचते हैं तो मुख पर माखन और सिर पर लगा मोर का पंख जरुर याद आता हैं।
हिंदू धर्म में मोर पंख का काफी धार्मिक महत्व है। कृष्ण को मोर पंख अति प्रिय है और उनके सिर पर मोर पंख का श्रृंगार के रूप में हमेशा विराजमान ही रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अलावा वास्तु शास्त्र में भी मोर पंख का खास महत्व है। इस मौके पर आप मोर पंख के कुछ उपाय जरुर करें।
वास्तु दोष- घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष हैं तो 8 मोर पंख को एक साथ नीचे से सफेद धागे से बांध दें और ओम सोमाय नमः मंत्र का जाप करें। इससे आपके घर का वास्तु दोष दूर होगा और नकारात्मकता दूर होगी। घर में खुशियों की बहार आएदी।
बुरी नजर- अगर आपके घर या आपके अपनों पर किसी की बुरी नजर हैं, तो घर के मुख्य द्वार पर मोर पंख लगाने से ये बुरी नजर हट जाएगी। ये मोर का पंख घर में नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकेगा। ऐसा करने से परिवार सुखमय रहेगा।
जिद्दी बच्चे- अगर आपका बच्चा काफी जिद्दी है तो मोर पंख से बने पंखे से उसकी हवा करें या अपने पंखे पर ही मोर पंख चिपका दें। ऐसे करने से बच्चे के अंदर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करेगी, जो आपके बच्चे को सही दिशा दिखाएगी।
पढ़ाई के लिए- अगर आपका बच्चा पढ़ाई से मन चुराता हैं या पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता है तो मोर पंख को बच्चे की किताब के अंदर रखें। ऐसा करने से एकाग्रता बढ़ती है और बच्चे का मन पढ़ाई में लगता हैं।