पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी रार की खबर आ रही है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में काफी लंबे वक्त से कुछ ठीक नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ कई विधायक गोलबंद हो गए हैं और उन्हें हटाने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच शुक्रवार को एक बार फिर नई दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से भूपेश बघेल और टीएस। सिंह देव की मुलाकात होनी है। यही नहीं 40 विधायक पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कई विधायकों ने सीनियर नेताओं से मुलाकात की कोशिश की है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है।
ऐसे में इस पर शुक्रवार की बैठक में क्या फैसला होता है, इसपर हर किसी की नज़र है। पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वह राज्य में सत्ता का ट्रांसफर बिना किसी दिक्कत के करवाएं। हालांकि, अभी तक पार्टी की ओर से इस मसले पर कोई पुष्टि नहीं की गई है और नेताओं को चुप्पी साधने की नसीहत दी गई है।
दरअसल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव की ओर से सीएम पद के लिए दावा किया गया था। तब बघेल को कमान मिली थी और कहा जा रहा था कि ढाई साल के बाद टीएस सिंह देव सीएम बनाया जाएगा। हालांकि केंद्रीय लीडरशिप या राज्य के किसी नेता की ओर से इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया था। भूपेश बघेल के समर्थक केंद्रीय आलाकमान पर लगातार दवाब बना रही है। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी।