इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे तीसरे टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत के क्रीज से बाहर खड़े होने के स्टांस पर इंग्लैंड के अंपयारों ने आपत्ति जताई, जिसे लेकर टीम इंडिया के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर काफी हैरान हैं, और उनका मानना है कि नियम बल्लेबाजों को ऐसा करने से नहीं रोकते हैं। पंत ने खुलासा किया था कि उन्हें अंपायर के कहने पर अपना 'स्टांस' बदलना पड़ा क्योंकि स्विंग से निपटने के लिए क्रीज के बाहर खड़े होने से पिच के डेंजर एरिया (स्टंप के सीध में पिच का क्षात्र) में पांवों के निशान बन रहे थे। गावस्कर ने कहा कि पिच पर जूते से बनने वाले निशान किसी बल्लेबाज के स्टांस का निर्धारण नहीं करते।
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने तीसरे दिन शुक्रवार को कमेंट्री के दौरान कहा कि, अगर यह सच है तो मैं सोच रहा था कि उसे अपना 'स्टांस' बदलने के लिए क्यों कहा गया। मैंने इस बारे में केवल पढ़ा है, बल्लेबाज पिच पर कहीं भी खड़ा हो सकता है, यहां तक कि पिच के बीच में भी, बल्लेबाज कई बार स्पिनरों के खिलाफ आगे निकल कर खेलते है (पैरों के निशान तब भी बन सकते हैं)।
वहीं, उनके साथ कमेंटेटर और भारत के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने इसे बेतुका करार दिया है। मैच के पहले दिन भारतीय पारी 78 रनों पर सिमट गई थी। पंत ने दिन के खेल के बाद इस वाकए का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि, मैं क्रीज के बाहर खड़ा था और मेरा अगला पां डेंजर एरिया में आ रहा था इसलिए अंपायर ने मुझसे कहा कि मैं यहां पर खड़ा नहीं हो सकता हूं। इसलिए मुझे अपना स्टांस बदलना पड़ा लेकिन एक क्रिकेटर होने के नाते मैं इस बारे में अधिक नहीं सोचता क्योंकि जो भी ऐसा करता, अंपायर उससे भी वही बात करेत, मैंने अगली गेंद पर वैसा नहीं किया।