अमेरिका ने एक बार फिर तालिबान को उसकी औकात दिखाते हुए आईएस-केपी के एक और ठिकाने पर एयर स्ट्राइक कर तीन से चार आतंकियों को मार गिराया। अमेरिका ने जिस जगह हमला किया है वो काबुल एयरपोर्ट के बेहद करीब है। अमेरिका का कहना है कि आईएस-केपी के आतंकी आर्मी के इवेक्यूशन के दौरान खुदकश हमले की तैयारी कर रहे थे। अमेरिकी खुफिया इकाई को पता चल चुका था कि आईएस-केपी के आतंकी फिर से हमला करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक दिन पहले ही हमले की चेतावनी दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने काबुल में अमेरिकी नागरिकों से कहा था कि कोई भी काबुल एयरपोर्ट के पास न जाएं।
अमेरिका की इस एयर स्ट्राइक के बाद काबुल में अफरातफरी मच गई। अभी तक काबुल में उहा-पोह की स्थिति बनी हुई है। अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बाद तालिबान ने कहा है कि अमेरिका को ऐसी कोई भी कार्रवाई से पहले चेतावनी देनी चाहिए थी। तालिबान ने यह भी कहा कि अमेरिका ने काबुल में एयरस्ट्राइक कर समझौते का उल्लंघन किया है। ध्यान रहे, पाकिस्तान सीमा पर एक दिन पहले ही आईएसआई के ठिकाने पर ड्रोन हमले पर भी तालिबान ने भौंहे टेढ़ी की थीं और यह भी कहा था कि तालिबान अमेरिका की ऐसी किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा। तालिबान प्रवक्ता ने कहा था कि आईएस-केपी से निपटना तालिबान सरकार काम है। तालिबान उन्हें सजा देगा। लेकिन किसी बाहरी ताकत को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं देगा।
एयरपोर्ट के कई इलाकों पर अब तालिबान ने कब्जा कर लिया है। जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान बलों ने हवाई अड्डे के भीतर कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वह शांतिपूर्वक नियंत्रण करने के लिए तैयार हैं क्योंकि अमेरिकी सेना बाहर निकल रही है। तालिबान ने दो दिन पहले हुए आत्मघाती हमले के बाद बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए शनिवार को काबुल हवाई अड्डे के आसपास अतिरिक्त बलों को तैनात किया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को काबुल हवाई अड्डे पर 4000 से भी कम अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। काबुल से लोगों को निकालने के बीच के समय में 5800 तक अमेरिकी सैनिक तैनात थे। वाइट हाउस ने कहा कि अगले कुछ दिन निकासी अभियान के सबसे खतरनाक होने की संभावना है। पेंटागन ने कहा है कि अमेरिका और सहयोगियों ने पिछले दो हफ्तों में लगभग 111,900 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है।