मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव में शामिल होने पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में विपक्षी दल सपा-बसपा और कांग्रेस के नेताओं का नाम लिए वगैर शब्दों के तीखे तीर चलाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा किजो लोग पहले मंदिर जाने में संकोच करते थे, अब कह रहे हैं कि राम और कृष्ण हमारे हृदय में मुख्यमंत्री ने कृष्णजन्म स्थान स्थित भागवत भवन में की पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने ब्रज के विकास का संकल्प दोहराया और कहा कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद संतों के निर्देश पर ही कार्य कर रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आज त्योहारों पर बधाई देने के लिए होड़ लगी है। पहले हिंदु-सनातानियों के पर्व-त्योहारों में बधाई देने के लिए न तो कोई मुख्यमंत्री आता था और न ही कोई मंत्री। लोग डरते थे कि उन्हें सांप्रदायिक न मान लिया जाए। पर्व-त्योहारों में बंदिशे लगती थीं। अलर्ट जारी होता था कि रात 12 बजे बाद कोई भी कार्यक्रम नहीं करेंगे। अब तो ऐसी कोई बंदिश नहीं है, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ही रात में 12 बजे होता है। अब तो हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाया जाता है।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "आजादी के बाद रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किए। इससे पहले सरकारों में बैठे लोगों को पूजा करने में भी सांप्रदायिकता का भय होता था। जो पहले मंदिर जाने में संकोच करते थे, अब कहते हैं राम और कृष्ण हमारे हृदय में हैं। पहले हिन्दू त्योहारों पर न बिजली होती थी न पानी, राजनीतिक परिवर्तन के बाद मिलने लगी।"
योगी आदित्यनाथ शाम करीब 4:58 बजे श्री कृष्ण जन्मस्थान पहुंचे। उन्होंने पहले केशवदेव के दर्शन किए और इसके बाद गर्भगृह में पहुंचकर ठाकुरजी के दर्शन किए। इसके बाद वह भागवत भवन पहुंचे और पूजन-अर्चना किया। यहां पर पुजारी ने उन्हें पगड़ी पहनाई और प्रसाद भेंट किया।
इससे पूर्व रामलीला मैदान में सभा में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक सभी देव विग्रहों की पूजा-दर्शन करने में भी पहले की सरकारों को सांप्रदायिक होने का भय लगता था लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत अंगड़ाई ले रहा है। एक-एक करके सैकड़ों वर्षों से दबी हुई भावनाएं और आस्था के केंद्र अपने नए रूप में सामने आ रहे हैं। कल वह राष्ट्रपति के साथ अयोध्या में थे। उन्होंने कहा कि आाजादी के बाद पहले राष्ट्रपति अयोध्या पहुंचे, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए।