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China-Pakistan के दाव पड़ेंगे उलटे! Taliban जुटा रहा मोस्ट वांटेड आंतकियों को

Taliban जुटा रहा मोस्ट वांटेड आंतकियों को

अफगानिस्तान में तालिबान के वापसी के बाद से चारो तरफ अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। अफगानी अपना सबकुछ छोड़कर तालिबानियों के डर से देश छोड़ रहे हैं। ऐसे में अब तालिबान मोस्ट वांटेड आतंकियों को एक साथ जुटाना शुरू कर दिया है और इस कड़ी में कई सालों बाद अलकायदा के टॉप कमांडर की वापसी हुई है। इधर तालिबान की असल में मदद चाइना और पाकिस्तान कर रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में इन्हीं दोनों देशों को सबसे ज्यादा घाटा है।

तालिबान के वापसी के बाद अब अफगानिस्तान में दुनियाभर के मोस्ट वांटेड आतंकी इकट्ठा होने लगे हैं। दुनिया के कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा का टॉप कमांडर अमीन-उल-हक भी कई वर्षों के बाद अफगानिस्तान लौट आया है। अमीन-उल-हक जब आया तो उसके साथ भारी भरकम सुरक्षा के इंतजाम थे वह खुद अपनी गाड़ी को ड्राइव कर रहा था। उसके समर्थक, उसके साथ सेल्फी खींचवाने लगे।

अमीन उल हक 1980 के दशक से ही ओसामा बिन लादेन से जुड़ा हुआ था। जब लादेन दोरा-वोरा की पहाड़ियों में था तब हक उसकी सिक्योरिटी का काम देखता था। इधर अमेरिका से चीन ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति में मूलभूत परिवर्तन हुए हैं और सभी पक्षों के लिए तालिबान के साथ संपर्क स्थापित करना और उसका सक्रिय रुप से मार्गदर्शन करना जरूरी है। चीन ने दोहराया है कि अमेरिकी सैनिकों के वापस जाने से अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को फिर से सिर उठाने का मौका मिल सकता है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ टेलीफोन पर बातचीत करते हुए अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति पर चर्चा कीष। यह बातचीत 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) देशों द्वारा अफगान नागरिकों और राजनयिकों को देश से निकालने के बीच हुई है। वांग और ब्लिंकन ने द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की।

बताते चलें कि, अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से दुनिया भर के आंतकियों का उसे साथ मिल रहा है। जैश-ए-मुह्म्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे खुंखार आतंकी संगठनों का तालिबान का साथ मिल रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी तालिबानियों की मदद कर रही है।