अफगानिस्ता में जितनी तेजी से अमेरिकी सैनिकों की वापसी हुई उतनी ही तेजी से तालिबान ने अफानिस्तान पर कब्जा कर लिया। तालिबान के आने के बाद अफगान लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और लोग देश छोड़ने के लिए मजबूर हैं। इस बीच अमेरिका अपने नागरिकों को निकालने के लिए जिन सैनिकों को भेजा था उसपर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 160से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS-K ने ली थी। जिसके बाद अब ब्रिटेन ने इस आतंकी नेटवर्क के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार है।
ब्रिटेन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में आतंकी संगठन ISIS-K के खिलाफ हमले के लिए तैयार है। इससे पहले पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय) ने कहा था कि इस देश में आईएसआईएस-खुरासान के 2000लड़ाके मौजूद हैं। आईएसआईएस-खुरासान वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की अफगानिस्तान में स्थित ब्रांच है। जिसने गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस आत्मघाती हमले में 169अफगान नागरिक और 13अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है।
ब्रिटेन के चीफ ऑफ एयर स्टाफ, एयर चीफ मार्शल माइक विंग्सटन ने स्थानीय अखबार से बात करते हुए कहा कि, ब्रटेन ISIS-K के खिलाफ होने वाले हमलों में शामिल हो सकता है। यह बात उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन के सैनिकों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी होने के बाद कही। उन्होंने कहा कि, काबुल एयरपोर्ट पर दाएश (आईएसआईएस) के भीषण हमले में मारे गए लोगों के शोक और दाएश नेटवर्क का हर तरह से मुकाबला करने के लिए, जहां से भी वो संचालित होता है, ब्रिटेन अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ खड़ा है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, अगर हमें योगदान करने का अवसर मिलेगा को मुझे कोई संदेह नहीं है कि हम इसके लिए तैयार होंगे, चाहे फिर वो ISIS कहीं भी हो। चरमपंथी संगठन अपना सिर उठा रहा है और वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ब्रिटेन औऱ उसके सहयोगियों के लिए खतरा है। अफगानिस्तान शायद दुनिया के उन दुर्गम क्षेत्रों में से है और वहां हम काम करने में सक्षम हैं। वहीं, अखबार में यह भी बताया गया है कि ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने कथित तौर पर हवाई हमलों को लेकर चर्चा की है। इसके आगे उन्होंने कहा कि इस आतंकी संगठन को हराने के लिए हवाई हमले के साथ अगर जरूरत पड़ी तो सैनिक भी जमिनी स्तर पर लड़ाई करने में सक्षम हैं।