अमेरिका के लौटते ही काबुल एयरपोर्ट बंद हो गया है। एयरपोर्ट फिलहाल तालिबान के कब्जे में हैं। देश छोड़कर जाने वाले लोगों परेशान है। काबुल में एयरपोर्ट बंद होने के बाद अब अफगानों की भीड़ सीमाओं पर बढ़ गई है। जान बचाने के लिए लोग बॉर्डर पार करके दूसरे पड़ोसी मुल्कों में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में हजारों की संख्या में अफगान नागरिक पाकिस्तान और ईरान के बॉर्डर का रुख कर रहे हैं, ताकि देश से बाहर निकला जा सके।
Kabul’s airport, now under the control of the Taliban, was quiet following the withdrawal of the last U.S. troops from Afghanistan https://t.co/xbGJCSS47a pic.twitter.com/NOdSZR4acF
— Reuters (@Reuters) August 31, 2021
अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद इस्लामिक चरमपंथी गुट बैंकों, अस्पतालों और सरकारी मशीनरी को चलाने की कोशिशों में जुट गया है। सोमवार को अमेरिकी सैनिकों के अंतिम विमान की उड़ान के साथ ही दशकों से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में अमेरिका का 20 साल पुराना अभियान अधूरे नतीजों के साथ खत्म हो गया।
पाकिस्तान के खैबर पास बॉर्डर पर हजारों की संख्या में लोग अफगानिस्तान की ओर खड़े हैं, जो पाकिस्तान में जाना चाहते हैं। ऐसा ही हाल अफगानिस्तान-ईरान की सीमा पर इस्लाम काला बॉर्डर पोस्ट पर है। कुछ लोगों का कहना है कि ईरान की सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ हदतक नियमों में ढील दी है और लोगों को जाने दे रहे हैं। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने यहां से 1,2300 लोगों को बाहर निकाला, जिनमें अमेरिकी सैनिकों, नागरिकों के अलावा वे अफगान भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले 20 सालों में अमेरिका की मदद की थी। इस्लामिक स्टेट की ओर से हमले के बाद अमेरिका ने 31 अगस्त की डेडलाइन से 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान को अलविदा कह दिया।