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अफगानिस्तान में भारी भीषण खून-खराबे की आशंका, तालिबान नेता मुल्ला याकूब और हक्कानी के बीच खिंची तलवारें

अफगानिस्तान में भीषण खून-खराबे की आशंका

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनाने में अभी तक नाकाम रही है। तालिबान के अंदर बड़ी गुटबाजी की खबर है। पावर की लड़ाई में तालिबान में भारी खून खराब की आशंका जताई जा रही है। इस बीच तालिबान के निमंत्रण पर पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल काबुल पहुंचा है। इसमे  ISI चीफ जनरल फैज हामिद भी शामिल है।  आपको बता दें कि तालिबान का आईएसआई से पुराना नाता रहा है।

कल ये कहा जा रहा था कि जुमे के नवाज के तालिबान सरकार बनाने की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन देर शाम ये खबर आनी शुरू हो गई कि अभी कुछ वजहों से ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद तालिबान के प्रवक्ता ने शनिवार को नई सरकार के गठन की बात कही, लेकिन आज भी ये टल गया। अब कहा जा रहा है कि 2-3 दिन के अंदर तालिबान अफगानिस्तान में सरकार बना लेगा। लेकिन इससे पहले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का काबुल पहुंचना चौंकाने वाला है। 

रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान में कई गुटों में बंट चुका है। तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी के बीच सैनिकों और हथियारों के नियंत्रण को लेकर अनबन की खबरें हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक न्याय, धार्मिक मामलों और आंतरिक सुरक्षा विभागों को लेकर दोनों में मतभेद है। इन तमाम चुनौतियों के अंबार के बीच तालिबान की राह काफी मुश्किल जान पड़ती है।

तालिबान के पूरे अफागानिस्तान पर कब्जे का दावा किया है। तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर घाटी पर भी कब्जा जमा लिया है। हालांकि इस दावे को अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खारिज कर दिया है। साथ अहमज मसूद ने भी तालिबान की जीत का झूठा बताया है।