अमेरिकी सैनिकों के वापसी होते ही तालिबान अब काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही तालिबान की अकड़ अब ज्यादा बढ़ने लगी है। यहां तक की तालिबान अब अमेरिका से ही सौदेबाजी में जुट गया है। तालिबान 1 हजार से भी अधिक लोगों को अफगानिस्तान छोड़ने के लिए रोकने में लगा हुआ है और इसमें दर्जनों अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। इसमें वो अफगान लोग भी शामिल हैं, जिनके पास अमेरिका समेत अन्य देशों का वीजा है।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि, कई विमान तालिबान से डिपार्टर से मंजूरी दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं। इन विमानों को इसलिए रोका गया है, क्योंकि अमेरिका और तालिबान के बीच बातचीत चल रही है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अफगानिस्तान में फंसे विमानों में इस वक्त कोई यात्री सवार नहीं है। देश में फंसे लोगों को एयरपोर्ट के पास में ही रखा गया है। तालिबान के लड़ाके इन लोगों को एयरपोर्ट के अंदर जाने से रोक दिया है।
वहीं, निकासी अभियान से जुड़े पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा है कि, तालिबान इन लोगों को जाने से रोकना चाहता है क्योंकि वे अमेरिका के साथ किए गए सहयोग के लिए इन लोगों को सजा देना चाहता है। पेंटागन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मिक मुलरॉय ने कहा कि, यदि तालिबान वास्तव में लोगों को सौदेबाजी के लिए इस्तेमाल कर रहा है, तो ये पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसके साथ ही यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के वरिष्ठ रिपब्लिकन माइकल मैककॉल ने फॉक्स न्यूज को बताया कि तालिबान ने मजार-ए-शरीफ एयरपोर्ट पर छह विमानों में सवार अमेरिकियों को देश छोड़ने से रोक दिया है।
क्या है अमेरिका का प्लान
अमेरिका कहना है कि, वो तालिबान के साथ संचार के माध्यम से बातचीत कर रहा है ताकि वासी जैसे मुद्दों पर बातचीत होती रहे। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि, जो अभी भी युद्धग्रस्त मुल्क को छोड़ना चाहते हैं अमेरिका उन नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है। ब्लिंकन ने यह भी कहा कि, हमारी नई टीम कतर की राजधानी दोहा में काम कर रही है। और बचे हुए अमेरिकियों के साथ लगातार संपर्क में है। उनकी वापसी के लिए एक मैनेजमेंट टीम को काम सौंपा है।