कोरोना के मरीजों की संख्या फिर से बढ़ रही है। कई शहरों में केस फिर से बढ़ने लगे हैं। मुंबई में मरीजों की भीड़ अस्पतालों में लगने लगी है। जो लोग अस्पतालों के आईसीयू में जो मरीज भर्ती हैं। उनमें से तकरीबन दो तिहाई ऐसे लोग हैं जिनका अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। यह काफी डरावना है और तीसरी लहर की तरफ चेतावनी दे रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हो चुकी है।
ऐसे में अगर वैक्सीन की किल्लत यूं ही बरकरार रही तो तीसरी लहर का काफी गंभीर परिणाम मुंबई वासियों को उठाना पड़ सकता है। अस्पतालों में भर्ती यह वो लोग हैं जिन्हें अभी तक पहली डोज़ भी नहीं मिल पाई है। हालांकि बीएमसी का कहना है कि शहर के 80 प्रतिशत लोगों को पहली डोज़ लगाई जा चुकी है। मुंबई में कम उम्र की कोरोना मरीजों में से एक का इलाज शहर के सेवन हिल्स अस्पताल में चल रहा है। मलाड की रहने वाली 22 वर्षीय विभा तिवारी ना सिर्फ कोरोना से परेशान है बल्कि उन्हें दिल की भी तकलीफ है।
विभा के परिवार में भी अभी तक किसी को कोरोना की वैक्सीन नहीं लग पाई है। डायमंड पॉलिशिंग का काम करने वाले उनके पिता महीने भर में तकरीबन 15हज़ार कमा पाते हैं। जिसमें परिवार का खर्च चलाना ही काफी मुश्किल होता है। ऐसे में कोरोना वैक्सीनेशन का खर्च उठाना उनके बजट के बाहर है।