अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर तालिबन आप में ही लड़ा रहा था, लगभग एक महीने के खींचातानी के बाद अब तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी नई सरकार की घोषणा कर दी है। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने नई अफगान सरकार और कैबिनेट की घोषणा की है। इसके मुताबिक मुल्ला मुहम्मद हसन नई सरकार में प्रधानमंत्री होंगे। वहीं, मुल्ला अब्दुल गनी उपप्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किए गए हैं।
इसे अलावा मुल्ला याकुब, रक्षा मंत्री के रूप में पदभार संभालेंगे। सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री और मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री के पद पर नियुक्त होंगे। नई सरकार के मुखिया मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान के शक्तिशाली निर्णय लेने वाले निकाय रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं।
सरकार के अन्य पदाधिकारियों की घोषणा भी तालिबान प्रवक्ता जैबीहुल्लाह मुजाहिद ने की है। मुजाहिद ने साफ किया है कि ये तालिबान की अंतरिम सरकार है यानी ये सरकार सिर्फ 6 महीने के लिए बनाई गई है।
खबरों की माने तो मुल्ला मुहम्मद हसन को अफगानिस्ता के प्रधानमंत्री बनाए जाने के पीछे पाकिस्तान का बड़ा हाथ बनाया जा रहा है। अभी तक अफगानिस्तान में मुल्लाह बरादर, हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता को लेकर खींचतान जारी थी, लेकिन अब इसपर विराम लग गया है।
इस वक्त मलुला हसन तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद का प्रमुख है, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है। खबरों की माने तो मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखता है और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से है। उसने रहबरी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब माना जाता है। उसने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था।