तालिबान हर दिन बेनकाब हो रहा है। उसके जुल्म की कहानी हर दिन दुनिया के लोग देख सुन रहे हैं। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले तालिबानियों के जुल्म के निशान पत्रकारों की पीठ पर नजर आने लगे हैं। बाजारों पर उनके खौफ के साये और हिजाब में पूरी तरह से ढकी महिलाएं इस बात की गवाही दे रही हैं कि तालिबान बिलकुल भी बदला नहीं है। जो तालिबान के कानून के खिलाफ जाएगा वो जुल्म का शिकार होगा।
तालिबान की कैद से छूटे पत्रकारों के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दिए जिससे साफ है कि उनको बुरी तरह से पीटा गया है। नई सरकार बनने के बाद तालिबान ने बुधवार को काबुल में एक दैनिक समाचारा पत्र एटिलाट्रोज के पांच पत्रकारों का गिरफ्तार कर लिया। अफगानिस्तान के कई पत्रकारों ने ट्वीट कर बताया कि हिरासत में लिए गए पांचों पत्रकारों को बेरहमी से तालिबान के लड़ाकों ने पीटा। चार पत्रकारों को रिहा कर दिया गया लेकिन एक अभी भी तालिबान की हिरासत में बताया जा रहा है।
हिरासत से छूटकर आए पत्रकारों ने तालिबान की बेरहमी के निशान दिखाए। पत्रकारों को इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उनकी पीठ पर निशान बन गए। तालिबान की रिहाई से छूटे एक पत्रकार की इतनी पिटाई की गई कि वह अपने पैरों पर चल नहीं पा रहा था। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद यह दिखाने की कोशिश तो की जा रही है कि हालात सामान्य हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। अफगानिस्तान में बाजार जरूर खुल रहे हैं, लेकिन तालिबान के डर से लोग बाजारों में आ नहीं रहे हैं। बाजारों पर तालिबानी खौफ का साया एकदम साफ नजर आ रहा है।