लव जिहाद मामला कई बार गर्माया है, इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार सख्त कानून भी ला चुके हैं। इस वक्त केरल में एक कैथोलिक बिशप ने लव जिहाद को लेकर ईसाई लड़कियों पर खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि, राज्य में ईसाई लड़कियां बड़ी संख्या में 'लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद के जाल में फंस रही हैं और जहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, वहां चरमपंथी अन्य धर्मों की युवतियों को बर्बाद करने के लिए ये हथकंडे अपना रहे हैं।
बिशप का कहना है कि, जिहादी प्यार और दूसरे तरीकों से दूसरे धर्म की महिलाओं का दुरुपयोग आतंकी गतिविधियों या आर्थिक लाभ के लिए करते हैं, उनका लक्ष्य अपने धर्म को बढ़ाना और गैर-मुस्लिमों को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि चरमपंथियों के लिए यह युद्ध की रणनीति है। यह आरोप यारो मालाबार चर्च से जुड़े पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट ने लगाया है। उनका कहना है कि, मुस्लिम अपने जाल में अन्य धर्मों की लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर धर्मांतरण करवा रहे है और उनका शोषण कर रहे हैं, खासकर ईसाई समुदाय की लड़कियों को। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका लड़कियों का आतंकवाद जैसी विध्वंसक गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा है।
कोट्टायम जिले में कुरूविलंगड में एक चर्च समारोह में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने दुनिया भर में और केरल में सांप्रदायिकता फैलाने, धार्मिक ओसौहार्द्र और असहिष्णुता बढ़ाने की कोशिश करने वाले जिहादियों की मौजूदगी के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि वे अन्य धर्मों को तहस-नहस करने के लिए अलग-अलग तरकीब अपना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, इस तरह की दो चीजें लव जिहाद और नार्कोटिक (मादक पदार्थ) जिहाद हैं। चूंकि जिहादी जानते हैं कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हथियारों के जरिए अन्य धर्मों के लोगों को बबार्द करना आसान नहीं है, इसलिए वे अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह के अन्य हथकंडे अपना रहे हैं।
पूर्व पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा द्वारा दिए गए हाल ही में बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, केरल आतंकवादियों का एक भर्ती केंद्र बन गया है और इस राज्य में चरमपंथी का एक भूमिगत प्रकोष्ठ मौजूद है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की ईसाई और हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण किया गया और उन्हें हाल ही में अफगानिस्तान में आतंकवादी शिविरों में भेजा गया।
इस विषय की गंभीरता से पड़ताल करने पर उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि, जो लोग यह कह रहे हैं कि राज्य में लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद नहीं है वे सच्चाई से आखों मूंद रहे हैं। जो राजनेता, सामाजिक-सांस्कृतिक नेता व पत्रकार, इस से इनकार कर रहे हैं, ऐसा करने में उनके निहित स्वार्थ हो सकते हैं।