किसान आंदोलन जारी है। नए कृषि कानून को लेकर किसान महीनों से आंदोलन कर रहे है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीस सदस्यों की कमेटी बनाई जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। किसानों का दावा है कि ये रिपोर्ट किसाने के पक्ष में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्य अनिल जे. घनवट ने दावा किया है कि समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट किसानों के पक्ष में सौ फीसदी है। उन्होंने एक सितंबर को सीजेआई को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया जाए।
घनवत ने मांग की है कि शीर्ष कोर्ट रिपोर्ट पर अविलंब सुनवाई करे। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन जल्द खत्म हो जाएगा। घनवट ने कहा कि समिति तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने का समर्थन नहीं करती है, जिसके लिए किसान संगठन मांग कर रहे हैं, लेकिन उनका और उनके संगठन का निश्चित रूप से मानना था कि कानूनों में कई खामियां हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। इसलिए शीर्ष अदालत को किसानों की सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए रिपोर्ट को जल्द से जल्द सार्वजनिक करना चाहिए।
अनिल जे. घनवट ने आगे कहा कि कमेटी द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को जल्द से जल्द सब के सामने रखा जाए, ताकि लोग ये तय करें कि ये कानून किसानों के हक में है या नहीं। अनिल जे. घनवट ने कहा कि रिपोर्ट ने किसानों की सभी आशंकाओं को दूर किया है। समिति को विश्वास था कि सिफारिशें चल रहे किसान आंदोलन को हल करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर अमल को निलंबित करते हुए 12 जनवरी 2021 को एक समिति का गठन किया था। इसमें घनवट को किसान समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए सदस्य बनाया गया था। बनाई गई कमेटी को रिपोर्ट अदालत को सौंपे पांच महीने हो चुके हैं।