हरियाणवी क्वीन सपना चौधरी की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। एसीजेएम कोर्ट ने सपना चौधरी की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आशियाना थाने में दर्ज मुकदमे से खुद को आरोपों से मुक्त करने की अपील की थी। दरअसल, 13 अक्टूबर 2018 को आशियाना थाने में पुलिस ने सपना चौधरी पर दर्शकों का पैसा हड़पने के आरोप में एफआरआई दर्ज की थी। आरोप था कि सपना चौधरी के एक इवेंट के टिकट 300 रुपये में ऑनलाइन और ऑफलाइन बेचे गए थे। इन टिकट को बेच कर लाखों रुपए कमाए गए थे, बावजूद इसके सपना चौधरी कार्यक्रम में नहीं आई थी।
सपना चौधरी का शो न होने पर दर्शकों ने काफी हंगामा और तोड़फोड़ की। सपना चौधरी के अलावा, रत्नाकर उपाध्याय ,अमित पांडे, पहल इंस्टिट्यूट के इबाद अली, नवीन शर्मा और जुनैद अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के मुताबिक, 13 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक स्मृति उपवन में सपना चौधरी के कार्यक्रम का आयोजन होना था, इसके लिए टिकट भी बेचे गए थे। हजारों लोग कार्यक्रम को देखने के लिए मौजूद थे, लेकिन रात 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आई तो दर्शकों ने काफी हंगामा किया था।
जिसके चलते सपना चौधरी के खिलाफ 1 मार्च 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई थी, जिस पर कोर्ट ने 26 जुलाई 2019 को संज्ञान भी ले लिया था। हालांकि इस मामले में सपना चौधरी समेत अन्य आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इसके बाद सपना चौधरी की ओर से खुद को इन आरोपों से मुक्त करने की अर्जी एसीजेएम कोर्ट में डाली गई थी। जिसे एसीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया। अर्जी में कहा गया था कि उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया है। उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस स्तर पर आरोपी सपना चौधरी के खिलाफ आरोप तय करने के पर्याप्त सबूत पत्रावली में मौजूद हैं।