इमरान खान के नए पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे प्रताड़ना को लेकर इमरान सरकार का चेहरा उजागर हुआ है। इससे यह फिर जाहिर होता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय अब भी सुरक्षित नहीं है। पेशावर में गुरुवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक सिख हकीम की गोली मारकर हत्या कर दी है।
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पुलिस का कहना है कि, हकीम सरदार सतनाम सिंह (खालसा) की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बंदूकधारियों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और चार गोली लगने के बाद सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे मौके से फरार हो गए। हकीम सरदार सतनाम सिंह पेशावर के चारसड्डा रोड पर क्लीनिक चलाया करते थे।
इमरान खान पाकिस्तान में हिंदू औऱ सिख अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा की बात करते हैं लेकिन इनके साथ हो रहे प्रताड़ना पर को लेकर वो विफल हैं। पाकिस्तान में आए दिन हिंदू औऱ सिख परिवारों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाने पर लिया जाता है। यहां लगातार इन समुदायों को ऊपर अत्याचार हो रहा है, इसे लेकर इमरान खान की दुनियाभर में आलोचना तक हो चुकी है लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। दूसरे के देशों में दखल देने वाले इमरान खान जहां एक तरफ आतंक को लेकर दुनिया के सामने अपना झूठा चेहरा पेश करते हैं वहीं , अपने ही देश में हो रहे इन अल्पसंख्यक मसुदायों के पर अत्याचार पर कुछ नहीं कर पा रहे।
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2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़े धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, ईसाई समुदाय के लोग दूसरे सबसे बड़े धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। वहीं, अहमदी, सिख और पारसी भी पाकिस्तान में उल्लेखनीय धार्मिक अल्पसंख्यकों में से हैं। इससे पहले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक हिंदू मंदिर के प्रांगण में जिला प्रशासन ने अवैध कब्जा कर लिया। मंदिर के प्रांगण के भीतर एक दीवार भी बनवा दी गई। यहां तक कि पाकिस्तान में अक्सर हिंदू और सिख की लड़कियों के साथ जबरन रेप और मुस्लिम लड़कों से शादी करा कर धर्म परिवर्तन करने तक की खबरें आती रही हैं लेकिन इमरान सरकार इसपर कुछ नहीं कर पाती।