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पाकिस्तान में गिर सकती है Imran Khan की सरकार! आनन-फानन में बुलाई बैठक

पाकिस्तान में गिर सकती है इमरान खान की सरकार!

आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के हाल में पहुंच गया है। यहां तक कि पाकिस्तान के पास अब इतने पैसे नहीं है कि वो अपने कर्मचारियों को वेतन दे सके। इमरान खान सरकार की हालत खस्ती होती जा रही है। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को लोन देने से इनकार कर दिया है जिसके बाद इमरान खान की टेंशन बढ़ गई है। इमरान खान ने बढ़ती महंगाई से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए अहम बैठक बुलाई है।

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पाकिस्तान में इस वक्त महंगाई का आलम यह है कि, खाने का तेल 400 रुपए लीटर पहुंच गया है आटा लगभग 200 रुपए किलो पहुंच गया है। इसके अलावा पिछले हफ्ते ही इमरान सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में 10.49 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद हंगामा मच गया था और विपक्षी दलों समेत आम लोगों ने सरकार के इस कदम की जमकर आलोचना की। इस वजह से दैनिक जरूरतों की चीजों की कीमतें बढ़ने का डर भी पैदा हो गया है।

एक रिपोर्ट की माने तो, इमरान खान बढ़ती महंगाई से काफी चिंतित हैं। वहीं, उनकी चिंता यह भी है कि इसकी वजह से उनकी सरकार पर कोई असर न पड़े। खबर है कि, बढ़ती महंगाई और इस पर जनता की प्रतिक्रिया से निपटने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने रोडमैप तैयार किया है। इमरान संबंधित अधिकारियों को अपने रोडमैप के बारे में जानकारी देंगे। सूत्रों के अनुसार, प्रांतीय मुख्य सचिवों को भी बैठख में बुलाया गया है और डिप्टी कमीश्नरों को भी इस मुद्दे पर जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। एक सूत्रों ने कहा कि इमरान चाहते हैं कि बढ़ती महंगाई पर तुरंत काबू पाने के लिए कदम उठाए जाएं।

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बताते चलें कि, इमरान सरकार को आईएमएफ के साथ 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्सटेंडेंट फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के तहत एक समझौते पर बातचीत चल रही थी, जिस पर बात नहीं बनी। पाक मीडिया की माने तो पाकिस्तान और आईएमएफ ने जुलाई 2019 में 6 अरब डॉलर के लोन के लिए करार किया था। मार्च 2021 में इस पर इस फिर से शुरू हुई लेकिन जून में बातचीत फिर बंद हो गई। करार के तहत आईएमएफ को 6 अरब डॉलर लोन के रूप में पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की किश्त देनी थी। इसी लोन करार को लेकर दोनों पक्षों में बातचीत हुई, लेकिन पाकिस्तान आईएमएफ के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सका। इसके साथ ही दी जाने वाली एक अरब डॉलर की अगली किश्त पर भी रोक लगा दी है।