पाकिस्तान में जनता महंगाई से बेहाल है, देश पर कर्जा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में डूबते पाक को तिनके का सहारा बनकर सऊदी अरब सामने आया है। कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को सऊदी ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, हाल ही में देश को नकदी संकट से उबारने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान कटोरा लेकर सऊदी अरब पहुंचे थे और आर्थिक मदद मांगी थी। सऊदी अरब शाही परिवार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बिल्कुल निराश नहीं किया और कटोरे में अरबों डॉलर की भीख डाल दी।
सऊदी अरब ने कहा है कि वह पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर जमा कर रहा है, ताकि विदेशी भंडार के साथ नकदी की कमी वाले देश पाकिस्तान की मदद की जा सके। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट ने यह घोषणा की। सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट ने कहा कि, वो स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में 3 अरब डॉलर जमा कर रहा है। सऊदी अरब सरकार की तरह से 1.2 अरब डॉलर पाकिस्तान को तेल और तेल उत्पादों को खरीदने के लिए दिया जा रहा है। इसकी पुष्टि पाकिस्तान से ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने की।
यह भी पढ़ें- Ahoi Ashtami 2021: अहोई अष्टमी पर गलती से भी दान न करें ये चीजें, वरना कंगाल हो जाएगी आपकी संतान
आपको बता दें कि पिछले साल पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्तों में उस वक्त खटास आ गई थी। पिछले साल सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उस वक्त कड़ी चेतावनी दी थी, जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सऊदी अरब पर भारत के खिलाफ कश्मीर मुद्दे पर नहीं बोलने के लिए आलोचना की थी। जिससे गुस्साए सऊदी अरब ने पाकिस्तान से फौरन एक अरब डॉलर मांग लिए थे, जिसे पाकिस्तान ने चीन से लेकर चुकाया था। पकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि सऊदी अरब को मनाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बार बार फोन किया था।
इस पर सऊदी अरब से कहा गया था कि, उसके भारत के साथ अलग तरह के संबंध हैं और पाकिस्तान को भारत-सऊदी संबंध के बीच नहीं आना चाहिए। इसके साथ ही सऊदी अरब ने पाकिस्तान को ये भी सलाह दी थी, कि पाकिस्तान को भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में पहल करनी चाहिए। पाकिस्तान की संसद में इमरान खान सरकार ने कबूल किया था कि अब हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है। इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है। कर्ज का ये बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है। यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था।