पाकिस्तान में इन दिनों इमरान खान सरकार की हालत खस्ती होती जा रही है। देश के अंदर कई तरह का भूचाल आया हुआ है जिसमें से सबसे बड़ा भूचाल महंगाई है जो इस वक्त चरम पर है। दूसरा यह कि FATF की ब्लैक लिस्ट में बरकरार रहने की वजह से पाकिस्तान की मुश्किलें इतनी बढ़ गई है कि अब देश चलाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान में अब बलूचिस्तान के लोग हो अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को लेकर आवाज उठानी शुरू कर दी है। लेकिन इमरान सरकार उनकी बतें सुनने के बजाय उन्होंने जेल में डाल रही है।
यह भी पढ़ें- Afghanistan में Taliban का खूनी खेल! नई रिपोर्ट में डराने वाले खुलासे
रविवार को पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के प्रमुख मंजूर पश्तीन और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता असगर अचकजई ने अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसे देखकर इमरान सरकार को इतनी मिर्ची लगी की वो दोनों नेताओँ पर FIR दर्ज करवा दी। क्वेटा पुलिस ने मंजूर पश्तीन और असगर अचकजई के खिलाफ लाउडस्पीकर और कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के रैली का आयोजन करने पर केस दर्ज किया है।
यह भी पढ़ें- Afghanistan में Taliban ने मीडिया पर लगाया सेंसर
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट की माने तो, पश्तीन के और पीटीएम के अन्य नेताओं के बलूचिस्तान में प्रवेश पर प्रतिबंध के बावजूद बैठक में शामिल हुए। सरकार ने बलूच नेताओं के प्रांत में एंट्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। पाकिस्तान सरकार लगातार बलूचिस्तान और कश्मीर (POK) के लोगों पर अत्याचार कर रही है। यहां के लोग समय-समय पर सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं लेकिन सरकार या तो इन्हें जेल में डाल देती है या फिर जान से मार देती है।