पाकिस्तान इस वक्त कंगाली के हालत में है, जनता महंगाई की मार झेल रही है। देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने देश से ज्यादा प्यार तालिबानियों से है। क्योंकि अब वो एक बार फिर से तालिबान की वकालत कर रहे हैं। इमरान खान ने तालिबान की सरकार वाले अफगानिस्तान को अलग-थलग करने को गलत बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करने के लिए कहा है। इसके साथ भी इमरान खान का यह भी कहना है कि, युद्धग्रस्त राष्ट्र को अलग-थलग कर देना दुनिया के लिए नुकसानदेह होगा।
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बताया कि अफगानिस्तान पर शीर्ष समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान मानवीय संकट को टालने के लिए हर संभव तरीके से अफगान लोगों का समर्थन करेगा। इससे पहले एक ट्वीट में, पीएमओ ने खान के हवाले से कहा था कि अफगानिस्तान से अलग होना दुनिया के लिए नुकसानदेह होगा। बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि दुनिया अफगानिस्तान से कट जाने की गलती नहीं दोहराएगी।
इसके आगे इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के कमजोर लोगों को समर्थन करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि, पाकिस्तान पहले ही अफगानिस्तान को पांच अरब की मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें खाद्य वस्तुएं और आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति शामिल है।
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गौरतलब हो कि, तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान को बड़े पैमाने पर मिलने वाली मानवीय मदद रूक गई है। अमेरिका ने भी उसकी बड़ी रकम सीज की हुई है। जिसके चलते देश आर्थिक स्तर पर बेहद कमजोर हो गया और अफगानिस्ता में मानवीय संकट भी बढ़ गया है। अमेरिका द्वारा सीज किए गए पैसे को लेकर तालिबान लगातार गुहार लगा रहा है कि वो अफगानिस्तान के पैसे को अनफ्रीज करे, लेकिन अमेरिका ने ऐसा करने से मना कर दिया है।