आज शुक्रवार का दिन है और शुक्रवार मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है, जो भी मां लक्ष्मी की पूजा लगन के साथ करता है, मां उसकी झोली धन से भर देती है। केवल धन ही नहीं बल्कि नाम यश भी मिलता है। इनकी उपासना से दाम्पत्य जीवन भी बेहतर होता है। लेकिन अगर मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाएं तो इंसान को घोर दरिद्रता से गुजरना पड़ता है। आज हम आपको मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय बताएंगे।
मां लक्ष्मी की पूजा श्वेत या गुलाबी वस्त्र पहन कर करनी चाहिए। गोधूली वेला या मध्य रात्रि ही इनकी पूजा का उत्तम समय होता है। मां लक्ष्मी के उस प्रतिकृति की पूजा करनी चाहिए जिसमे वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम होगा। मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से करने पर वह तुरंत प्रभावशाली होता है।
व्यवसाय के स्थान पर लक्ष्मी जी , गणेश जी और विष्णु जी की स्थापना करें। लक्ष्मी जी के दाहिनी ओर विष्णु जी की और बाएँ ओर गणेश जी को स्थापित करें। नित्य प्रातः काम शुरू करने के पहले उनको एक गुलाब का फूल चढाएं। घी का दीपक और गुलाब की सुगंध वाली धूप जलाएं।
नौकरी पाने के लिए पूजा के स्थान पर कमल के फूल पर बैठी हुई लक्ष्मी जी के चित्र की स्थापना करें। इस चित्र में अगर दोनों तरफ से हाथी सूंढ़ में भरकर जल गिरा रहे हों तो और भी उत्तम होगा। इस चित्र के सामने सायंकाल घी का दीपक जलाएं , और मां को इत्र अर्पित करें। रोज शाम पूजा की समाप्ति के बाद तीन बार शंख जरूर बजाएं।
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