हिंदू शास्त्र के रुद्राक्ष का बेहद महत्व है। शिव महापुराण में कुल 16 प्रकार के रुद्राक्षों का वर्णन किया गया है। हर मुखी रुद्राक्ष का अपना-अपना अलग महत्व है, उसी हिसाब से उन्हें धारण करना चाहिए। तभी सकारात्मक फल मिलता हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार, रुद्राक्ष के जन्मदाता स्वयं भगवान शिव को माना जाता है। इसका प्रमाण स्कन्द पुराण, शिव पुराण आदि ग्रन्थों में मिलता है। माना जाता है रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के के आंसुओं से हुई है और इनको प्राचीन काल से ही आभूषण की तरह पहना गया है। चलिए आपको बताते है कि आप अपने करियर के क्षेत्र और व्यवसाय के हिसाब से कौन सा मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
प्रशासनिक अधिकारी- अगर आप प्रशासनिक अधिकारी हैं तो आपको तेरह मुखी और एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इनको धारण करने से आप में डिसीजन लेने की क्षमता का विकास होगा। साथ ही कार्यशैली में प्रखरता आयेगी।
जज और वकील- जज और वकील अगर दो और चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करें तो उनको लाभ होगा। इनको धारण करने से शिवभक्ति बढ़ती है. साथ ही तर्कशक्ति का विकास होता है। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है और सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
पुलिस और सेना- पुलिस और सेना में जॉब करने वाले लोगों को नौ मुखी और चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। जिससे उनके साहस में वृद्धि होगी। साथ ही उनके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
मेडिकल– अगर आप डॉक्टर या मेडिकल के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो आपको नौ और ग्यारहमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ग्यारहमुखी रुद्राक्ष भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार संकटमोचन महावीर बंजरंगबली का प्रतीक है। इसे धारण करने से मानसिक शक्ति मिलती है।
राजनीति क्षेत्र से संबंधित लोग– अगर आप नेता मंत्री विधायक सांसद हैं तो आपको एक मुखी और चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। जिससे आपकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी। भाषण शैली मजबूत होगी। साथ ही चौदहमुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनि मंगल दोष की शांति होती है।
व्यवसायी– अगर आप व्यापार करते हैं तो आपको चौदहमुखी और तेरहमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। तेरहमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य कुशल व्यापारी बनता है और निरंतर प्रगति करता जाता है। साथ ही तेरहमुखी रुद्राक्ष संतान प्राप्ति में भी लाभकारी सिद्ध होता है।
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