वैवाहिक जीवन में 'संतान' प्रेम को और मजबूत कर देती है। हर शादीशुदा जोड़े की ख्वाहिश होती है उसकी संतान हो, लेकिन कुछ कपल्स तमाम कोशिशों के बाद भी संतान सुख से वंचित रहता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में संतान की किलकारियां नहीं गूंजती, वहां देवता भी रहना पसंद नहीं करते। संतान न होने के पीछे कई बाधाएं हो सकती हैं। जिसमें वास्तु दोष भी शामिल है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र में बताएं गए संतान प्राप्ति के कुछ खास उपाय बताएंगे। जिन्हें अपनाकर आप संतान प्राप्ति का योग पा सकते है।
रामेश्वरम् की यात्रा- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की तीर्थ यात्रा करनी चाहिए। साथ ही वहां कालसर्प पूजन करवाना चाहिए। ऐसा करने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।
लाल गाय और बछड़े की सेवा- अगर महिला में किसी कमी के कारण संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही है तो ऐसे में लाल गाय और बछड़े की रोजाना सेवा करनी चाहिए। इसके अलावा लाल या भूरे रंग का कुत्ता पालना भी शुभ साबित होता है।
मदार की जड़ के उपाय- अगर शादी के कुछ वर्षों के बाद भी संतान नहीं हो रहा है तो ऐसे में शुक्रवार के दिन मदार की जड़ को उखाड़ लें। इसे कमर में बांधने से संतान प्रप्ति की चिंता दूर होती है। साथ गर्भ धारण में भी लाभ मिलता है।
चांदी की बांसुरी- कई बार गर्भ धारण के बाद भी संतान खराब हो जाता है। ऐसे में गर्भ धारण का बाद चांदी की एक बांसुरी पति-पत्नी दोनों मिलकर किसी गुरुवार के दिन राधा-कृष्ण के मंदिर में चढ़ाएं। ऐसा करने से गर्भपात का खतरा नहीं रहता है।
गोमती चक्र- अगर बार-बार गर्भपात हो जाता है, तो ऐसे में किसी शुक्रवार को एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में बांधकर गर्भवती महिला की कमर पर बांध दें। ऐसा करने से भी गर्भपात नहीं होता है।