कोरोना ने देशभर में अपना कहर बरपाया हुआ है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का भी आतंक देखने को मिल रहा है। इस पर वैज्ञानिक नयंत्रण पाने की कोशिश कर रहे है, लेकिन इस बीच रिसर्च में वैज्ञानिकों के सामने एक भयानक चीज निकलकर आई है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना वायरस का आखिरी वेरिएंट नहीं है। इससे आगे भी कोरोना के नए वेरिएंट्स देखने को मिल सकते हैं। हालांकि अगला वेरिएंट कैसा दिखेगा या वह महामारी को कैसे आकार दे सकता है। इसको लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है।
वैक्सीन और नेचुरल तरीके से मिली इम्युनिटी होने के बावजूद यह लोगों को संक्रमित कर रहा है। इसका मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों में यह वायरस आगे भी विकसित हो सकता है। कोरोना वैक्सीनेशन को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहनै है कि, तेजी से फैलने के कारण ओमिक्रॉन को और म्यूटेशन तैयार करने का अवसर मिलेगा, जिसकी वजह से और ज्यादा वेरिएंट्स के आने की संभावना बढ़ेगी। नवंबर में इस वेरिएंट के मिलने के बाद से यह दुनियाभर में आग की तरह फैला है।
रिसर्च में पता चला है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट की तुलना चौगुनी गति से संक्रमित करता है। ओमिक्रॉन वेरिएंट ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का कारण भी बना है और इसने वैक्सीन ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर दिया है। इसके अलावा यह वेरिएंट उन लोगों पर भी हमला कर रहा है जिनके पास वैक्सीन की सुरक्षा नहीं है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, 3 से 9 जनवरी के बीच दुनियाभर में कोविड-19 के करीब डेढ़ करोड केस सामने आए हैं जो कि पिछले सप्ताह की तुलना में 55 फीसदी ज्यादा है।