अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर या तो पाकिस्तान की विदेश नीति फिसल जाती है या फिर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की जुबान। एक बार पहले शाह महमूद कुरैशी ने अपनी (बद) जुबान से सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और क्राउन प्रिंस एमबीएस को नाराज कर दिया था। पाकिस्तान का बेड़ा गरक होने से चीन ने बाल-बाल बचा लिया था। इस बार शी जिनपिंग को लेकर शाह महमूद कुरैशी ने जो अलफाज बोले हैं अगर वो जस के तस शी जिनपिंग के पास पहुंच गए तो पाकिस्तान का बेड़ा गरक होने से अल्लाह मियां ही बचा सकता है।
शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि चीन का राष्ट्रपति शी जिनपिंग है जिससे हमारी मुलाकातें तय हैं लेकिन वो नहीं करता। शी जिनपिंग कहीं नहीं जाता, कहीं नहीं निकलता, मिलता ही नहीं किसी को पाकिस्तान आना था नहीं आया, कहता है वहां मिलिटेंट हैं ये है वो है…!
Chinese President Xi Jinping is scared, hiding; don't even meet us. Every thing is closed: Pakistan FM Qureshi to students on China travel ban due to #COVID19 pic.twitter.com/gZHsFsgMBJ
— TEAM BHARAT (@TeamBharat_) January 19, 2022
दरअसल, चीन ने कोविड के कारण पाकिस्तानियों की एंट्री बैन कर रखी है। इस वजह से जिन पाकिस्तानी स्टूडेंट्स ने चीन की यूनिवर्सिटियों में दाखिला ले रखा है उनकी जिंदगी दांव पर लग गई है। ऐसे ही कुछ स्टुडेंट्स शाह महमूद कुरैशी से मिलने के लिए उनके ऑफिस गए थे। आफिस की गैलरी में खड़े स्टूडेंट्स ने कुरैशी से कहा कि मलेशिया के स्टूडेंट्स पर चीन ने कोई बैन नहीं लगा रखा तो फिर दोस्त पाकिस्तान के साथ ऐसा क्यों? इस पर कुरैशी ने कहा कि मलेशिया की बात कुछ और है। इसी बीच एक स्टूडेंट ने कहा कि आप कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं तो कुरैशी के सब्र का प्याला छलक पड़ा। कुरैशी बोल पड़े, चीन की पॉलिसी वो नहीं करना चाह रहा, उनका प्रेसीडेंट शी है वो कहीं निकलता ही नहीं है…मिलता ही नहीं किसी को…हमारी मीटिंग तय हो रखी हैं… उसने कहा कोई होगा…मिलिटेंट्स होगा…यह होगा….एक वंदा न निकले, इसके बाद ब्ला…ब्ला..ब्ला…ब्ला।
ध्यान हो पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अगस्त 2020 में कहा था कि वो कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपना रहा है। यदि इस मुद्दे पर वो हस्तक्षेप नहीं करते हैं, तो वो पीएम इमरान खान के नेतृत्व में उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने को मजबूर होंगे जो इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं। सऊदी अरब ने शाह महमूद कुरैशी के इस बयान से नाराज होकर पाकिस्तान को उधार तेल देना तत्काल बंद कर दिया और नकद में दिए 3 बिलियन डॉलर भी वापस मांग लिए थे। उस वक्त पाकिस्तान अपनी इज्जत बचाने के लिए काफी गिड़गिड़ाए मगर सऊदी अरब नहीं पसीजा तो चीन ने एक बिलियन डॉलर कैश और बाकी किश्तों में देकर पाकिस्तान का बेड़ा गर्क होने से बचाया था। अब शाह महमूद कुरैशी के बयान से नाराज होकर अगर चीन ने इमरान खान से अपना पैसा और हथियार मांग लिए तो पाकिस्तान का बेड़ा गरक हो ही जाएगा।