पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और इसका रोना अपने 'जिगरी दोस्त' चीन के सामने रो रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तीन दिवसीय फरवरी तक बीजिंकी की यात्रा पर रहेंगे। अपनी इस यात्रा को लेकर इमरान खान काफी एक्साइटिड हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीन से इमरान खान 10अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज मांग सकते हैं। इसके अलावा, वो पाक-चीन इन्वेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड को दोबारा शुरू करने की भी मांग कर सकते हैं। दरअसल, इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से डावांडोल है।
विश्व बैंक समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से कर्ज नहीं मिलने एवं बाहरी निवेश नहीं आने की वजह से देश की माली हालत और खराब हो गई है। ऐसे में पाकिस्तान की उम्मीद चीन से है। चीन पहले भी पाकिस्तान को कर्ज एवं आर्थिक मदद देता आया है। सभी की नजरें इमरान खान के इस दौरे पर हैं। अगर चीन पाकिस्तान को कर्ज दे देता है तो इमरान खान इसे अपनी एक उपलब्धि के रूप में प्रचारित करने की कोशिश कर सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान में अगले साल चुनाव होने हैं। पाकिस्तान की जनता पहले से बढ़ी हुई महंगाई से परेशान है। वह इसके लिए सीधे तौर पर पीटीआई सरकार को जिम्मेदार मानती है।
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इमरान सरकार की कोशिशों के बावजूद महंगाई नियंत्रण से बाहर है। पाकिस्तानी रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। सीपेक को लेकर पाकिस्तान में बड़े-बड़े दावे किए गए। कहा गया कि इससे पाकिस्तान में खुशहाली आएगी। लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन सीपेक का काम एक तरह से ठप पड़ गया है। चीन भी इसे शुरू करने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जानकारों का मानना है कि चीन से पाकिस्तान को यदि कर्ज मिल भी जाता है तो इससे उसकी मुश्किलें कम नहीं होंगी बल्कि और बढ़ जाएंगी। क्योंकि ये बात सभी जानते हैं कि चीन कोई भी चीज मुफ्त में नहीं देता। वह हर चीज की वाजिब कीमत वसूलता है। कर्ज में पहले से ही बुरी तरह फंसे पाकिस्तान का ऋण बोझ और बढ़ जाएगा।