रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं। रूस ने दोनों देशों की सीमा पर लगभग एक लाख से ज्यादा सैनिकों की आधुनिक हथियारों, तोपों और टैंकों से साथ तैनाती कर रखी है। वहीं, रूस को लगातार अमेरिका चेतावनी दे रहा है कि वह अगर यूक्रेन पर हमला करता है तो वह उसके ऊपर कई तरह का प्रतिबंध लगा देगा जिसकी वजह से रूस की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ेगा। इन दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद का असर पाकिस्तान जैसे दूसरे देशों को भ प्रभावित कर सकता है। जिनकी अर्थव्यवस्था अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों से आयात पर निर्भर है।
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पाक मीडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, इस तनाव का असर पाकिस्तान पर भी पड़ सकता है। भले ही रूस बोल रहा है कि वह यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा, लेकिन सीमा पर उसने एक लाख से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की हुई है। अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन पर फरवरी तक हमला हो जाएगा। इस बीच अमेरिका के 200सैनिक ल्वीव पहुंच गए हैं। ये शहर पोलैंड से जुड़ा हुआ है। ये सैनिक यूक्रेन के सैनिकों को रॉकेट लॉन्चर चलाने और दूसरे प्रकार के युद्ध की ट्रेनिंग दे रहे हैं। पूर्वी यूरोप और पश्चिम के बीच लगी इस आग की आंच पाकिस्तान तक जा सकती है। वैसे ही पाकिस्तान इन दिनों कंगाली के हाल में है। देश की कमर टूटी हुई है और इस वक्त पाकिस्तान के लिए राजनीतिक और आर्थिक रूप से तनाव भरा हुआ है। पाकिस्तान को किसी एक देश की तरफदारी करना भारी पड़ सकता है।
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पाकिस्तान रूस से अपनी दोस्ती बढ़ा रहा है, इसलिए मामले में कुछ भी ना बोलकर वो बच नहीं सकता। उसे रूस या अमेरिका में से किसी एक को चुनना ही होगा। पाकिस्तानी वेबसाइट ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को प्रति बैरल तेल की कीमत 100 डॉलर होने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। यहां पहले ही इसका दाम 90 से ऊपर है। इमरान खान सरकार इस बात से चिंतित है कि तेल के बढ़ते दामों का असर देश के विकास पर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आयात को कम कर, निर्यात को नहीं बढ़ाया गया, तो पाकिस्तानी मुद्रा पर दबाव बढ़ेगा और 200 पाकिस्तानी रुपये एक डॉलर के बराबर हो जाएंगे। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच जाएगी। कुछ महीनों के लिए तेल की कीमतों में 10-20 डॉलर तक की बढ़ोतरी हुई तो इससे पाकिस्तान को एक से दो अरब डॉलर की चपत लग सकती है।