फ्रांस स्थित संगठन इप्सोस (lpsos) ने रविवार को जारी किए गए "कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे इन पाकिस्तान" शीर्षक के अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि हर 5 में से 4 पाकिस्तानी नागरिक इस बात को लेकर डरे हुये हैं कि देश पिछले एक साल से गलत दिशा में जा रहा है।
सर्वे में यह भी पता चला कि आज पाकिस्तान में जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उस पर हर 4 में 3 पाकिस्तानियों ने असंतोष व्यक्त किया, जबकि उसी अनुपात में पाकिस्तानियों ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को खराब बताया है।
यह सर्वेक्षण इस साल सितंबर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों (पुरुष और महिला 50: 50) के साथ देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों से एकत्र किए गए 1,000 नमूनों पर आधारित है। सर्वे में शामिल लोगों ने कहा कि बेरोजगारी एक चिंताजनक मुद्दा है जो पिछले साल से 11 फीसद बढ़ी है, इसके साथ ही महंगाई और लोगों की गरीबी भी बढ़ी है।
सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि आम जनता के बीच आर्थिक निराशा सबसे ज्यादा चिंता का विषय है। यह भी कहा गया है कि महंगाई और गरीबी में उल्लेखनीय वृद्धि पिछले साल अगस्त से सबसे ज्यादा हुई है।
बढ़ती महंगाई पाकिस्तान के सभी प्रांतों में सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, इसके बाद बेरोजगारी और बढ़ती गरीबी का स्थान है। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में भ्रष्टाचार शीर्ष पांच चिंताओं में से एक था और बिजली की कटौती केवल सिंध में ही चिंता का प्रमुख कारण था। सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि हर 20 में से केवल 1 पाकिस्तानी ने मौजूदा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत माना।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि हर 5 में से 4 पाकिस्तानियों को अब से 6 महीने बाद अर्थव्यवस्था के और ज्यादा खराब होने की आशंका सता रही है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 5 में से 2 पाकिस्तानियों ने अपनी निजी वित्तीय स्थिति को कमजोर माना जबकि 50 प्रतिशत से अधिक पाकिस्तानियों को आशंका है कि अगले छह में उनकी माली हालत और भी खराब होने वाली है।
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि हर 5 में से 4 पाकिस्तानी अगस्त 2018 से अपनी नौकरी की सुरक्षा को लेकर डरा हुआ है। सर्वे में कहा गया कि हर 2 में से 1 पाकिस्तानी ने खुद अनुभव किया और अपने जानने वाले ऐसे लोगों को देखा है जिनकी नौकरी पिछले साल से लेकर अब तक छूट गई है। अगस्त 2018 से अगस्त 2019 तक यह अनुपात 31 प्रतिशत बढ़ा था। सर्वे में यह कहा गया कि हर 10 में से 1 पाकिस्तानी को डर है कि वे अगले छह महीनों में अपनी नौकरी से हाथ धो देंगे। सर्वेक्षण में यह दावा किया गया कि पाकिस्तान का वैश्विक उपभोक्ता विश्वास सूचकांक सितंबर 2020 में वैश्विक औसत 41.8 के मुकाबले केवल 28.9 पर है।.