पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने के बजाया लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार की अब तक लगी हुई है। किसी भी वक्त इमरान खान के पैरों तले जमीन खिसक सकती है। इमरान खान के सामने एक दो समस्याएं नहीं बल्कि कई सारी हैं। देश में महांगाई के चलते जनता नए प्रधानमंत्री की तलाश में है। इसके साथ ही पाकिस्तान पर आंतराष्ट्रीय कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। अब फ्रांस में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से इस्लामाबाद में इमरान खान सरकार हिल गई है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) के फ्रांस स्थित दफ्तर के बाहर शनिवार को भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था एफएटीएफ (FATF) से लोगों ने मांग की कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जाए। इन प्रदर्शनकारियों में अफगान, बलोच और उइगर समुदाय के लोग शामिल थे। ये एफएटीएफ के दफ्तर ये याद दिलाने के लिए पहुंचे कि आतंकवाद को फैलाने में पाकिस्तानी कितनी बड़ी भूमिका निभा रहा है।
प्रदर्शन का एक वीडियो भी सामने आया है जिसे पाकिस्तानी पत्रकार ताहा सिद्दिकी ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। इस वीडियो में लोग पाकिस्तान के खिलाफ प्लेकार्ड लेकर खड़ें नजर आ रहे हैं। पेरिस में एफएटीएफ प्लेनरी और वर्किंग ग्रुप की बैठक से पहले विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान ने दी गई शर्तों को पूरा नहीं किया है। ऐसे में पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद रोधी और मनी-लॉन्ड्रिंग रोधी संस्था यानी FATF की ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
Protest outside @FATFNews office to urge it to #BlacklistPakistan. Happening now! Reshare and spread the word! https://t.co/t2B7O7spJo
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) February 19, 2022
बता दें कि, पाकिस्तान जून 2018 से एफएटीएप की ग्रे लिस्ट में है। इस ग्रे लिस्टिंग ने इसके आयात, निर्यात और अंतर्राष्ट्रीय ऋण तक सीमित पहुंच बनाकर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। पाकिस्तान की सत्ता में आने के बाद से इमरान खान लगातार कह रहे हैं कि देश को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन वो इसके एक भी शर्तों पर खरे नहीं उतरे हैं। क्योंकि, आतंकियों को सजा तो दूर उन्हें जेल से रिहा तक किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि, पाकिस्तान सरकार आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है। उसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सामने भी घुटने टेक दिए। अगर पाकिस्तान फिर ब्लैक लिस्ट में चला जाता है तो यह मुल्क की तंगी झेल रही अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका होगा।